दोपहर करीब 1 बजे 4.1 तीव्रता वाले भूकंप के झटके असम में महसूस किए गए, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का मुख्य केंद्र गुवाहाटी था। इन झटकों के कारण अभी किसी प्रकार के नुकसान कि खबर नहीं आई है।
जानकारी के अनुसार असम के अलावा तगड़े भूकंप झटके पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर संभाग से जुड़े जालोर, जोधपुर और सिरोही जिलों में भी महसूस किए गए थे।
सिरोही में एक दिन पहले भी अर्थक्वेक आया था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि शुक्रवार-शनिवार की दरम्यान आधी रात को रिक्टर स्केल पर 4.6 की तीव्रता वाला अर्थक्वेक जालोर में आया।
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राहत की बात है कि, इससे किसी प्रकार का नुकसान कि सूचना नहीं मिली।
भारतीय प्रौघोगिकी संस्थान (आइआइटी) मद्रास में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अरुण के. तंगीराला के नेतृत्व में रिर्स्चस ने ऐसी प्रणाली का विकास किया जो अर्थक्वेक की पूर्व चेतावनी के साथ-साथ विनाशकारी तरंगों के भुमि की सतह से टकराने के बीच लगभग 30 सेकंड से 2 मिनट कि समय लीड मिल सकता है, इतने समय में कई समाधान निकालके अनेक जीवन बचाए जा सकते हैं। आइआइटी मद्रास में पीएचडी शोधकर्ता कंचन अग्रवाल भी इस शोध का हिस्सा है।
इस प्रणाली में मौजूद उपाय भूकंप के समय मे जान-माल के नुकसान को घटा सकता जैसे परमाणु रिएक्टरों और मेट्रो जैसे परिवहन, लिफ्ट आदि को रोकना।
अंजली सजवाण