उत्तरप्रदेश के किसानों ने अपनी विभिन्न मांगो को लेकर दिल्ली कूच कर दिया है जिस कारण दिल्ली पुलिस और सुरक्षाबलों ने दिल्ली से लगने वाले सभी बार्डरों को सील कर दिया है। दरसल किसानों की मांग है 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, 64.7 प्रतिशत अधिक मुआवजा दिया जाए । किसानों के इस दिल्ली कूच ने राजधानी में जाम की स्थिती पैदा कर दी है, जिसके चलते रुट को डाइवर्ट किया गया और सेक्टर 15ए से होते हुए वाहनों को दिल्ली में प्रवेश दिया गया लेकिन हजारों की सख्ंया में वाहन होनें की वजह से कालिंदी कुंज से लेकर नोएडा पूरी तरह से वाहनों की भीड़ से पट गया ।
दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस चैकिंग है जारी
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार किसानों द्वारा दिल्ली कूच को लेकर सभी बार्डर एरिया में चैकिंग की जा रही है जिससे ट्रैफिक धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, जबकि सभी ट्रैफिक सिग्नलों को ग्रीन कर दिया गया है फिर भी ट्रैफिक संचालन काफी धीमा है।
वंही संयुक्त SP शिवहरी मीना ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि ” जब से किसानों ने दिल्ली कूच का आह्वान किया है हम उस समय से किसानों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं ,हमने कल भी किसानों के साथ 3 घंटे वार्ता करी है। हमारी सभी प्रकार की सुरक्षाओं की तैयारी पूरी है हमने सुरक्षा का 3 Stage प्लान बनाया है जिसके अनुरुप हमारे तकरीबन 5000 सहकर्मी भिन्न-भिन्न मार्गों पर तैनात हैं और बैरिकेटिंग लगाकर चैकिंग कर रहे हैं। वंही हमारे 1000 PAC सुरक्षाकर्मी हर मोर्चे पर तैनात हैं और हमने अतिरिक्त वाटर कैनन , टियर गैस स्क्वाड को भी पूरी तैयारी से तैनात करा हुआ है।
संसद सत्र में किसानों का हल्ला बोल
दिल्ली में संसद सत्र की शुरुआत हो चुकी है एसे में किसानो द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन मार्च अव्यवस्था उत्पन्न कर सकता है, जिससे प्रशासन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इन सभी बातों को मध्यनजर रखते हुए पूर्वी दिल्ली के DCP अपूर्व गुप्ता ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्हे किसानों द्वारा दिल्ली कूच करने की जानकारी पहले मिल चुकी है लिहाजा संसद सत्र के दौरान दिल्ली में प्रशासनिक अव्यवस्था ना हो इसके लिए किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नंही दी गई। DCP गुप्ता ने आगे कहा कि प्रशासन यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि राजधानी में किसी भी प्रकार की कानून अव्यवस्था ना हो जिसके लिए वे नोएडा पुलिस के समन्वय के साथ कानून व्यवस्था पर अपनी कड़ी नजर बनाए हुए हैंष
आखिर क्या हैं किसानों की मांग
किसानों की मांग है कि उन्हे 10 प्रतिशत आबादी भूखंड, 64.7 प्रतिशत तक अधिक मुआवजा और नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के सभी लाभ दिए जाएं जिसके तहत उन्हे बाजार दर का चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाए। साथ ही सभी भूमिहीन किसानों के सभी बच्चों को रोजगार व पुनर्वास के सभी लाभ दिया जाए और आबादियों का निस्तारण किया जाए।तथा सभी पारित मुद्दों पर शासनादेश जारी किया जाए और आबादी वाले क्षेत्रों का उचित बंदोबस्त किया जाए।