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सैलानियों को अब मंहगी पड़ेगी सरोवर नगरी नैनीताल की सैर, जेब पर बढ़ेगा 800 रुपए का भार….सरोवर नगरी में सफाई मामले पर भड़के सभासद
सरोवर नगरी नैनीताल में पर्यटकों वाहनों को अब बढ़ा हुआ एंट्री टैक्स और पार्किंग शुल्क देना होगा, दरअसल, नैनीताल में बाहरी पर्यटकों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए नगर पालिका बोर्ड ने लेक ब्रिज टैक्स और पार्किंग शुल्क में भारी इजाफा करा है। जबकि स्थानीय वाहनों के लिए अशोक पार्किंग आरक्षित करी जाएगी जो कि निशुल्क होगी।

सैलानियों को अब मंहगी पड़ेगी सरोवर नगरी नैनीताल की सैर
सरोवर नगरी नैनीताल में पर्यटकों वाहनों को अब बढ़ा हुआ एंट्री टैक्स और पार्किंग शुल्क देना होगा, दरअसल, नैनीताल में बाहरी पर्यटकों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए नगर पालिका बोर्ड ने लेक ब्रिज टैक्स और पार्किंग शुल्क में भारी इजाफा करा है। जबकि स्थानीय वाहनों के लिए अशोक पार्किंग आरक्षित करी जाएगी जो कि निशुल्क होगी।जेब पर बढ़ेगा 800 रुपए का भार
उत्तराखंड स्थित सरोवर नगरी नैनीताल में प्रवेश लेना सैलानियों को बड़ा मंहगा पड़ने वाला है। दरअसल, सरोवर नगरी नैनीताल मे पर्यटकों की लगातार बढ़ती भीड़ नैनीताल में ट्रैफिक जाम की समस्या का सबब बनती जा रही है लिहाजा, नैनीताल हाई कोर्ट के निर्देशानुसार नैनीताल नगर पालिका बोर्ड ने एक आम बैठक करते हुए लेक ब्रिज चुंगी (नैनीताल एंट्री टैक्स) व पार्किंग शुल्क में भारी बढ़ोत्तरी कर दी है। इस कारण अब नैनीताल आने वाले पर्यटक वाहनों को 300 रुपये प्रवेश शुल्क तथा शहर में पार्किंग हेतु 500 रुपये शुल्क के रुप में अदा करना होगें। जबकि, नैनीताल जिले के वाहनों के लिए यह शुल्क 200 रुपये ही रहेगा। वहीं दूसरे राज्यों से आने वाले दुपहिया वाहनों के लिए 100 रुपये प्रवेश शुल्क रहने वाला है। नई शुल्क सारणी जारी होने से पहले सरोवर नगरी में प्रवेश शुल्क 110 रुपये तथा पार्किंग शुल्क मात्र 130 रुपये ही था। इसके अतिरिक्त बोर्ड की बैठक में तय हुआ कि स्थानिय लोगों मल्लीताल की अशोक पार्किंग में अपने वाहनों को पार्क कर सकेंगे,जिसका पार्किंग शुल्क 25 रुपये प्रति घंटे होगा परंतु स्थानिय लोगों के दुपहिया वाहनों के लिए एकदम निशुल्क होगा। वहीं नैनीताल नगरी के स्थानीय लोगों की टैक्सियों और निजी वाहनों के सालाना पास में किसी भी तरह की वृद्धि नहीं होगी। सरोवर नगरी में जो स्थानिय लोग बाइक व स्कूटी टैक्सी चालक हैं उन्हें अब वार्षिक 1300 रुपये पास हेतु जमा करने होंगे, जबकि बाहरी बाइकों से पार्किंग शुल्क 50 रुपये और बाहरी टैक्सी-बाइक के शहर में प्रवेश करने पर लेक ब्रिज टैक्स 100 रुपया लिया जाएगा।मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को नियत
सरोवर नगरी नैनीताल नगर पालिका बोर्ड ने तय किया है कि लेक ब्रिज चुंगी शुल्क का ऑनलाइन भुगतान न करने पर पर्यटकों को 300 रुपये की जगह 500 रुपयों का भुगतान करना होगा, बोर्ड द्वारा यह पारित प्रस्ताव नैनीताल हाई कोर्ट में भी पेश किया जाएगा। इसके अतिरिक्त नैनीताल हाईकोर्ट की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को तय करी गई है, वहीं इसी क्रम में बीते शुक्रवार को नैनीताल नगर पालिका बोर्ड के पालिकाध्यक्ष सरस्वती खेतवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में पालिका के अधिशासी अधिकारी दीपक गोस्वामी ने तीन अप्रैल को लेक ब्रिज चुंगी व कार पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी के संबंध में हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि नैनीताल हाईकोर्ट ने नैनीताल की माल रोड सहित शहर में वाहनों का दबाव कम किये जाने के उद्देश्य से पार्किंग व एंट्री टैक्स में बढ़ोत्तरी की मंजूरी देते हुए 2018 से बंद बारापत्थर व फांसी गधेरा चुंगी को शुरू करने की अनुमति दे दी है, इसी के साथ नैनीताल हाईकोर्ट ने कहा है कि नगर पालिका बोर्ड को शुल्क वृद्धि के संबंध में पालिका बायलाज संशोधन कर रिपोर्ट नैनीताल हाईकोर्ट में पेश करनी होगी। तो वहीं अधिवक्ताओं के लिए जारी होने वाले करीब दो हजार निश्शुल्क पास के मुद्दे को कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा ।सरोवर नगरी में सफाई मामले पर भड़के सभासद
नैनीताल नगर पालिका बोर्ड की बैठक से पहले पालिकाध्यक्ष सरस्वती खेतवाल की मौजूदगी में एक अनौपचारिक बैठक में सभासदों ने नैनीताल के घर-घर, मोहल्लों व वार्ड़ों से कूड़ा उठान न होने पर अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त करी। सभासदों का कहना है कि नगर में जिस संस्था को कूड़ा उठान का ठेका दिया गया है वह केवल माल रोड का ही कूड़ा उठान कर रही है जबकि, नैनीताल के घर-घर, मोहल्लों व वार्ड़ों से कूड़ा उठान न होनें की वजह से उन्हें जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा इस समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए ईओ ने ठेका संस्था के प्रतिनिधि को सोमवार तक सफाई व्यवस्था में सुधार को लेकर कड़ी हिदायत दी है, वहीं यह भी तय किया गया कि कूड़ा उठान संस्था को चार दिन का भुगतान नहीं दिया जाएगा। बैठक में सभासदों की पिछली बोर्ड बैठक के दौरान जनहित के मामलों को दर्ज नहीं किए जाने को लेकर अधिशासी अधिकारी के साथ तीखी बहस भी हुई।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)