योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी में अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं
यूपी में अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं मिल सकेगा। योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है. गौरतलब है कि इस समय 550 से ज्यादा मदरसों को अनुदान मिल रहा है। इस निर्णय की खास बात है कि इसे कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकेगी. गौरतलब है कि अखिलेश यादव की सरकार ने अनुदान सूची में शामिल 146 में से सौ मदरसों को शामिल किया था। इसके बाद इन मदरसों का अनुदान प्रारंभ कर दिया गया था। वहीं बाकी 46 मदरसों का प्रकरण अभी चल रहा था।
इसे लेकर अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि ये मदरसे मानक को पूरा नहीं कर सके. अब कैबिनेट में इस नीति को ही समाप्त कर दिया गया है तो किसी भी नए मदरसे को अनुदान की सूची में शामिल नहीं किया जाएगा. इस समय यूपी में 560 मदरसों को अनुदान मिल रहा है. इसके तहत शिक्षकों, गैर शिक्षण कर्मियों का वेतन और भत्ता शामिल है। कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने पत्रकारों को बताया, ‘अरबी-फारसी मदरसों में से वर्ष 2003 तक के आलिया (10वीं) स्तर के स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों को अनुदान सूची में लाए जाने संबंधी नीति को समाप्त किए जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा था।
यह भी पढ़ें- विधानमंडल बजट सत्र आज से शुरु, CM बोले- हर मुद्दे पर चर्चा को तैयारइस प्रस्ताव के अनुमोदित होने के बाद अब किसी भी नए मदरसे को अनुदान सूची में नहीं शामिल किया जाएगा। क्या कहते हैं विशेषज्ञ विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय के जरिए योगी सरकार पर आरोप लगेगा कि वे सबका साथ सबका विकास का बात तो जरूरी करती है लेकिन जमीन पर फैसले उसके एकदम उलट नजर आते हैं। मगर इस मामले में अगर देखें तो जिन 146 मदरसों को अनुदान मिलना था उनमें से ही एक मदरसा संचालक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।