शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर के स्थान पर नियुक्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को बनाए रखने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक गैर सरकारी संगठन द्वारा दर्ज की गई याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार है।
बता दें कि एनजीओ ने 31 जुलाई को अपनी रिटारमेंट से चार दिवस पूर्व पुलिस कमिश्नर ने रुप मे अस्थाना की नियुक्ती के विरुद्ध एक लिखित याचिका व अपील दर्ज की थी। उनके वकील प्रशांत भूषण का कहना था कि, 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से मिल आदेश के अनुसार उनके द्वारा अपील की गई है।
जानकारी के अनुसार अस्थाना 1984 के आईपीएस अधिकारी है। वह सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक का कार्यबार संभालते थे। साथ ही उन्हें एक साल के कार्यकाल के लिए गुजरात कैडर से केंद्र शासित प्रदेश कैडर में नियुक्त करने बाद 27 जुलाई को दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रुप मे नियुक्त किया गया था।
एनजीओ ने सुप्रीमे कोर्ट से पूर्व दिल्ली उच्च न्यायालय मे याचिका दर्ज की थी। उस मामले मे 12 अक्टूबर को न्यायालय ने पुलिस कमिश्नर को नियुक्त करने के केंद्र के निर्णय को बरकरार रखते हुआ कहा था कि, उनके चयन मे किसी प्रकार की कमी नहीं थी।
वहीं शीर्ष अदालत के जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ व जस्टिस ए.एस. बोपन्ना की पीठ द्वारा केंद्र सरकार तथा राकेश अस्थाना को नोटिस जारी करके एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन( सीपीआईएल) की याचिका पर उनसे दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।
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इसपर केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता तथा अस्थाना केस लड़ने वाले वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि वह दो हफ्तों में अपना उत्तर दाखिल का देंगे।
अंजली सजवाण