यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों को प्रशासनिक अफसर लगातार ढांढस बढ़ाये हुए हैं। कन्नौज के इंदरगढ़ के एक छात्र व एक छात्रा 3 दिन से रोमानिया बॉर्डर पर फंसे है। छात्रा के परिजनों ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी, जिसके बाद उन्हें रोमानिया में इंट्री दिलायी गयी। फंसे बच्चों का हाल बताने के लिये कन्नौज के प्रशासनिक अफसर परिजनों से सम्पर्क बनाये हुए हैं।
कन्नौज के इंदरगढ़ कस्बे में रहने वाली चांदनी भारती 4 साल से यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। उनकी बहन शिल्पी भारती कन्नौज में भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य हैं। क्षेत्र का ही एक युवक भी यूक्रेन में डॉक्टरी पढ़ रहा है। युद्ध शुरू हुआ तो दोनों विनित्शा में फंस गये। शिल्पा का कहना है कि पोलैंड बॉर्डर पर कई दिन फंसे रहने के बाद जब इंट्री नहीं मिली तो किसी तरह दोनों किसी तरह कई किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रोमानिया बॉर्डर पर पहुँच गये।
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यहां दोनों 3 दिन से फंसे थे, जब दोनों को रोमानिया में नही जाने दिया गया तो चांदनी ने अपनी भाजपा नेत्री बहन से बताया। शिल्पी ने अफसरों व पार्टी नेताओं से बात कर आज दोनों को रोमानिया में इंट्री दिलवाई। इसकी जानकारी देने एसडीएम खुद शिल्पी के घर पहुंचे, और जल्द दोनों के घर लौटने की बात बतायी। बिछड़ो के आने की जानकारी मिलते ही दोनों परिवारों की खुशी का ठिकाना नही है।