भंगजीरा बनेंगा कीसनों की आए का साधन

सगंध पौधा केन्द्र सेलाकुई के वैज्ञानिकों के गहन शोध के बाद अब भंगजीरा का उपयोग दवाईयों के रुप में हो सकेगा, जिससे न केवल पहाड़ी राज्य में उत्तराखंड में उगने वाले इस पौधे की भरपूर पैदावार देखने को मिलेगी बल्कि इससे किसानों की आर्थिकी में भी सुधार आयोगा। दरअसल आज सगंध पौधा केन्द्र सेलाकुई पहुंचे सूबे के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड में भंगजीरा का नकदी फसल के रूप में शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, सगंध पौधा केन्द्र के वैज्ञानिक और कई औघोगिक इकाइयों के संचालकों के साथ कृषक भी मौजूद रहे।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में कृषि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, जिस ओर वैज्ञानिक तरीके को अपनाकर पलायन को रोका जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस ओर व्यापक कदम उठा रही है, जिसके चलते पहले चरण में स्वेच्छिक चकबंदी लागू होगी, फिर चकबंदी लागू की जाएगी।

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साथ ही भूमि के स्तर को देखते हुए उसमें उसी तरह की फसलों की पैदावार को बढ़ावा दिया जायेगा। वहीं दूसरी ओर सगंध पौधा केन्द्र सेलाकुई के डायरेक्टर नृपेन्द्र चौहान ने बताया कि भंगजीरा को अमुमन तौर घरेलू उपयोग के तौर पर चटनी के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। जिस पर गहन शोध के बाद इसके औषधीय गुण की पहचान की गई है, जिससे शाकाहारी रुप में ह्दय और लीवर रोगियों को लाभ तो मिलेगा ही साथ ही इसकी पैदावार से कृषकों की आर्थिकी में भी सुधार आयोगा।

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