उत्तराखंडराजनीतिसामाजिकस्वास्थ्य

यूपी पुलिसकर्मियों को साइकिल की जगह बाइक भत्ता, सीएम ने की घोषणा।

पुलिसकर्मियों को अब साइकिल भत्ता 200 रुपये की जगह बाइक भत्ता मिलेगा। पांच सौ रुपये भत्ता देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की। वह पुलिस स्मृति दिवस पर रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसके पहले उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्घांजलि अर्पित की।   मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने पुलिस स्मृति दिवस पर पिछले एक साल में शहीद हुए सात पुलिसकर्मियों के परिजनों को सम्मानित करते हुए कहा कि पुलिस और सरकार उनके साथ है। यूपी पुलिस की सक्रियता के चलते गुंडा और माफिया राज का अंत हो गया। पुलिस कर्मियों को मिलने वाला साइकिल भत्ता अब बाइक भत्ता के तौर पर दिया जाएगा। जिसमें दो सौ रुपये की जगह पांच सौ रुपये की राशि तय की गई है। साथ ही पेंशन के लिए लोगों को दौड़भाग नहीं करनी करनी होगी। जिसे ई-पोर्टल पर लिंक किया जा रहा है।     डीजीपी डीएस चौहान ने कहा कि पुलिस की कार्य प्रणाली में लगातार बदलाव हो रहा है। जिससे अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगा है। प्रदेश सरकार ने पुलिस ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले पुलिस कर्मी को 25 लाख की जगह 50 लाख अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। वहीं कोमा में जाने पर असाधारण पेंशन देने का निर्णय लिया है।     प्रदेश के छह जिलों में तैनात सात पुलिस कर्मियों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवा दी थी। सीएम ने स्मृति दिवस पर उनके परिजनों को सम्मानित किया। इनमें एसआई वीरेंद्र नाथ मिश्र फतेहपुर के सुल्तानपुर घोष में तैनात थे। 31 मार्च की रात करीब 10.19 बजे वाहन चेकिंग करने निकले थे। थाना गेट से करीब 20 मीटर की दूरी पर वाहन चेकिंग करते समय एक बाइक सवार को रोका, लेकिन चालक नरेंद्र पासी ने बाइक उन पर चढ़ा दी। उसके पीछे उसके पिता प्रकाश भी बैठे थे। पुलिस कर्मियों ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हथगाँव ले गए। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।     वहीं गौतमबुद्घनगर के दादरी थाने में तैनात एसआई कादिर खां 17 जुलाई को करीब दस बजे एक हत्यारोपी की तलाश में मेरठ के लिए निकले थे। मेरठ जाते समय दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गये। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां मौत हो गई।     प्रयागराज के सराय इनायत थाने में तैनात मुख्य आरक्षी मुनील कुमार चौबे 17 जनवरी को सहसों चौराहे पर ड्यूटी दे रहे थे। इस दौरान पिकप ने उनको टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल मुनील की अस्पताल में मौत हो गई। यातायात आरक्षी सर्वेश कुमार 10 मार्च को कंटेनर डिपो पर ड्यूटी जाते समय ट्रक ने बाइक को टक्कर मारी। हादसे में गंभीर रूप से घायल सर्वेश की मौत हो गई। गाजियाबाद के छिजारसी कानूनी यूटर्न पर बुलेट से ड्यूटी 27 जनवरी को जा रहे थे। उस समय शास्त्रीनगर कट पर ललित कुमार की बुलेट पर टक्कर मार दी। हादसे में गंभीर रूप से घायल ललित की अस्पताल में मौत हो गई।       बागपत में तैनात आरक्षी मनीष कुमार 14 अक्तूबर 2021 को बुलंदशहर हरिओम शर्मा को कोर्ट का समन तामिल कराने जा रहे थे। पिलखुआ में विभोर पब्लिक स्कूल के सामने रोडवेज बस ने टक्कर मार दी। हादसे में मौत हो गई।       इसी तरह मुजफ्फरनगर के नई मंडी थाने में तैनात सिपाही सुमित कुमार 28 दिसंबर 2021 को दुष्कर्म और हत्या के प्रयास ेक आरोपी देवा मलिक व रजनीश तोमर की तलाश में हरियाणा करनाल टीम के साथ गये थे। सिपाही ने आरोपियों के कार से ग्राम जडौली से मोदीपुर करनाल की तरफ भागने पर पीछा किया। इस दौरान कार पेड़ से टकरा गई। जिसमें सिपाही सोनवीर, राहुल, सुनील कुमार, दीपक कुमार और देवेंद्र घायल हो गये। वहीं सुमित की मौत हो गई।       शहीद पुलिस कार्मिकों की स्मृति में हर साल 21 अक्टूबर पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हम उन वीर शहीद पुलिसजनों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने राष्ट्र व समाज की रक्षा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते प्राणों की आहुति दी है।  21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख के हिमाच्छादित जनहीन क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवान नियमित गश्त पर निकले थे। जिन पर रायफलों और मोर्टारों से लैस चीनी सैनिकों ने छलपूर्वक एम्बुश लगाकर अचानक हमला कर दिया। चीनी सैनिकों से मुकाबला करने के दौरान सभी बहादुर जवान शहीद हो गए थे। इन्हीं वीर जवानों के बलिदान को याद करते हुए कर्तव्यपथ पर प्राणोत्सर्ग करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।      

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button