प्रशांत महासागर में पानी ठंडा होना तेजी से बढ़ रहा है। आमतौर पर इसका सीधा अर्थ है उत्तरी गोलार्ध में तापमान का सामान्य से कम होना। इसके चलते पूरे उत्तर भारत सहित उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। इस बीच पारा सामान्य से तीन डिग्री तक नीचे गिर सकता है।
प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि 25 अक्तूबर को देश से मानसून विदा हुआ। यह पिछले 50 साल में सातवीं बार है, जब मानसून इतनी देरी से विदा हुआ हो। मानसून की विदाई के साथ ही अब देश के उत्तरी इलाकों में ठंड बढ़नी शुरू हो गई है। करवाचौथ के बाद मौसम में गुनगुनी सर्दी घुलने लगी थी। इसके बाद दीपावली तक ठंडक बढ़ने लगी। वहीं अब पर्व खत्म होने के बाद बाजार में गर्म कपड़ों की खरीद के लिए लोग निकल पड़े हैं।
अजिता अग्निहोत्री