उत्तराखंडराजनीति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित संसद भवन में प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली स्थित संसद भवन में प्रधानमंत्री से शिष्टाचार भेंट की। मुलाकात में उन्होंने सशक्त उत्तराखंड @25 के क्रम में राज्य सरकार के रोडमैप को साझा किया और उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। उन्होंने पीएम को लोहाघाट स्थित मायावती आश्रम आने के लिए भी आमंत्रित किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पर्यावरणीय व अन्य कारणों से अटकी 44 जल विद्युत परियोजनाओं की मंजूरी के लिए दखल की मांग की। उन्होंने पीएम से अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय ऊर्जा और जल संसाधन मंत्रालय की बैठक बुलाकर परियोजनाओं की राह खोलने में सहयोग करें। सीएम ने भारत नेट के दूसरे चरण में योजना का लाभ देने की मांग की।

सीएम ने मसूरी में हुए चिंतन शिविर के बारे में बताया कि आगामी पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक तथा दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किया गया। राज्य में रोजगार सृजन एवं उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए आर्थिकी को बढ़ाने वाले सेक्टर चिन्हित किए गए

1- पर्वतमाला योजना में 35 रोपवे चिन्हित। निर्धारित अवधि में कार्य शुरू करने के लिए तैयार हो रही है रणनीति।

2- नीति आयोग की तरह स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एम्पावलिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग (सेतु) के गठन पर काम शुरू।

3- सीमांत माणा गांव को प्रदेश का पहला गांव मानते हुए वहां कैबिनेट की बैठक करेंगे।

4- पर्यटकों से कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय सामग्री खरीदने की अपील को प्रमुख एजेंडा में शामिल किया।

5- राज्य में ग्रीन फील्ड सिटी विकसित करने के लिए पर्वतीय एवं मैदानी जिलों में 15 स्थान चयनित।

6- कुपोषण से निपटने के लिए पारंपरिक मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए स्टेट मिलेट मिशन शुरू होगा।

7- अधिक मूल्य वाली खेती व बागवानी के लिए 6624 क्लस्टर चिन्हित किए।

8- 11 जिलों में मिशन प्राकृतिक खेती को जमीन पर उतारेंगे। हर जिले में 500-500 हेक्टेयर के दो क्ल्सटर बनेंगे।

9- आरसीएस के तहत 13 हेलीपोर्टस चालू, जबकि राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों के लिए 19 हेलीपैड बनाने का प्रस्ताव ।

10- पर्यटको के लिए सिंगल विंडो के तहत ऑनलाइन एग्रीगेटर की व्यवस्था, ताकि देश-विदेश के पर्यटकों को आसानी से आने-जाने में सुविधा हो सके।

11- चारधाम जैसे धार्मिक पर्यटन के लिए मानसखंड माला पर काम शुरू। स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत वित्तीय सहयोग का अनुरोध।

12- चार जिलों में बाल वाटिका कार्यक्रम शुरू, पीपीपी मॉडल पर चार जिलों में सैनिक स्कूलों के लिए जगह तय।

13- पीएम गतिशक्ति की तरह राज्य गतिशक्ति मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।

14- उद्योगों के साथ नए एमओयू होंगे, औद्योगिक पार्कों की स्थापना होगी।

15- औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए लॉजिस्टिक नीति, सेवा क्षेत्र नीति, निजी औद्योगिक नीति, नई एमएसएमई नीति आएगी।

16- सौर ऊर्जा व लघु जल विद्युत परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करने नवीकरणीय ऊर्जा/ लघु जलविद्युत नीति बनाई जा रही है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑलवेदर रोड का कार्य राज्य में तेजी से चल रहा है। सामरिक दृष्टिकोण से इसे सीमांत क्षेत्र तक बढ़ाने की आवश्यकता है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का निर्माण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा।

 

उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य तथा सीमित संसाधनों के कारण तथा राज्य को रेल परियोजनाओं की लागत में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी वहन करने की शर्त पर छूट आवश्यक है। जिन रेल परियोजनाओं का रेट ऑफ रिटर्न निगेटिव है उनकी भी स्वीकृति इस राज्य के लिए आवश्यक है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक दृष्टिकोण तथा पर्यटन एवं पर्वतीय क्षेत्र की आर्थिकी को बढ़ाने के

 लिए नैनी सैनी, गौचर तथा चिन्यालिसौड़ हवाई पट्टियों का विस्तारीकरण एयरपोर्ट के रूप में आवश्यक है। जौलीग्रांट तथा पंतनगर एयरपोर्ट का भी विस्तारीकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के पास स्थित चौखुटिया क्षेत्र में नए एयरपोर्ट व हवाई पट्टी की स्थापना करना आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से आवश्यक होगा।

उन्होंने कहा कि आपदा भूस्खलन, अतिवृष्टि, वनाग्नि, ग्लेशियर खिसकना आदि के दृष्टिगत राज्य को एक सशक्त वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना की अत्यंत आवश्यकता है।

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