CM धामी का वैज्ञानिकों से पारंपरिक खेती का आह्वान
CM पुष्कर सिंह धामी ने जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय अखिल भारतीय कृषि कुंभ व कृषि उद्योग प्रदर्शनी के तीसरे दिन वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे पारंपरिक खेती पर अनुसंधान करें और अपने शोधों की जानकारी किसानों तक पहुंचाएं ताकि किसान खेती के माध्यम से और अधिक समृद्ध हो सकें। उन्होंने इस किसान कुंभ को ‘ज्ञान कुंभ’ करार देते हुए कहा कि इसी प्रयास से भारत ने कृषि क्षेत्र में हरित क्रांति की अलख जगाई है। सीएम धामी ने बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में वर्षा आधारित खेती को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने करीब एक हजार करोड़ रुपये की लागत से ‘उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पान्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट’ को मंजूरी दी है।
CM धामी धामी ने कृषि कुंभ में किया स्टालों का निरीक्षण
CM पुष्कर सिंह धामी ने जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कृषि कुंभ के दौरान स्टालों का निरीक्षण करते हुए विद्यार्थियों और शोधार्थियों से जानकारी ली। गांधी सभागार में आयोजित किसान मेले के साथ ही उन्होंने समान नागरिक संहिता और नकल विरोधी कानून पर संवाद कार्यक्रम में भाग लेकर खुलकर चर्चा की। सीएम धामी ने बताया कि कृषि कुंभ में लगाए गए 400 स्टालों में से 200 से अधिक स्टाल देश के विभिन्न राज्यों से आए कृषि उद्योगों, स्टार्टअप्स और स्वयं सहायता समूहों के हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन केवल कृषि उत्पादों और यंत्रों के प्रदर्शन तक सीमित नहीं होते, बल्कि यह किसानों, विज्ञानियों और उद्यमियों के बीच ज्ञान, अनुभव और नवाचार के आदान-प्रदान का माध्यम बनते हैं। किसान यहां नवीनतम तकनीक, उन्नत बीज, आधुनिक उपकरण और नई शोधों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे वे अपनी खेती को अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी बना सकें, साथ ही प्रदेश की कृषि व्यवस्था को और सशक्त बना सकें।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)
