लखनऊ हवाई अड्डे के लाउंज में रविवार को रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बीच काफी देर तक बात हुई। दोनों ही नेताओं को दिल्ली रवाना होना था। जयंत जहां लखनऊ में पार्टी का घोषणापत्र जारी करने के लिए पहुंचे थे वहीं प्रियंका गोरखपुर में कांग्रेस की प्रतिज्ञा रैली करने के बाद लौट रहीं थीं। उनके साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी थे। बातचीत के बाद तीनों नेता कांग्रेस के विमान से ही दिल्ली रवाना हो गए। वहीं इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
सियासी गलियारों में चर्चा है कि सपा और रालोद के गठबंधन में जयंत जहां पश्चिमी उप्र की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दावा कर रहे हैं वहीं अखिलेश यादव इस पर पूरी तरह से अभी तैयार नहीं हैं। खास तौर से मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, मेरठ, मुरादाबाद, बुलंदशहर आदि की सीटों पर अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं। चर्चा यह भी है कि ऐसे में कहीं सीटों के बंटवारे को लेकर इस गठबंधन में खटास न पड़ जाए।
ऐसे में रालोद और कांग्रेस साथ आ सकते हैं और कोशिश यह भी हो सकती है कि बसपा को भी इसमें शामिल किया जाए। हालांकि इसे दूर की कौड़ी माना जा रहा है पर विकल्पों पर विचार की बात कही जा रही है। हालांकि रालोद कार्यकर्ता सपा-रालोद के गठबंधन को बेहद मजबूत बता रहे हैं। बहरहाल इस गठबंधन को लेकर ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर इस नई मुलाकात ने अवश्य राजनीति में एक नई बहस शुरू कर दी है।
हवाई अड्डे पर प्रियंका गांधी से संयोग से मुलाकात हुई। वे सभी भूपेश बघेल के विमान से आए थे। मुझसे भी साथ ही चलने का अनुरोध किया। मैं उनके साथ उनके हवाई जहाज से दिल्ली आ गया और कोई बात नहीं है।