अब राज्य के दूर दराज पर्वतीय इलाकों के डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों और छात्रों की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जियो फेंसिंग हाजिरी सिस्टम लागू होगा। उच्च शिक्षा विभाग जल्द ही पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत करने जा रहा है।
उच्च शिक्षा विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर इस दिशा में काम करने जा रहा है। इसके तहत जो भी शिक्षक या छात्र कॉलेज परिसर में प्रवेश करेगा तो उसके मोबाइल से ही उसकी हाजिरी लग जाएगी। इसके लिए मोबाइल जियो फेंसिंग के दायरे में आना जरूरी है।
तो वही पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहाड़ के कुछ डिग्री कॉलेजों में इसकी शुरुआत होगी। सफल रहने पर सभी कॉलेजों में इसे लागू किया जाएगा।
जियो फेंसिंग क्या है
यह सैटेलाइट आधारित प्रणाली है, जिसमें एक विशेष क्षेत्र की जियो फेंसिंग यानी बाउंड्री बना दी जाती है। इस दायरे में जो भी डिवाइस आएगी, वह रिकॉर्ड में आ जाएगी। जियो फेंसिंग के भीतर आने पर ही मोबाइल का वह ऐप काम करेगा जो कि इससे संबंधित होता है।
यह ऐप केवल कॉलेज के भीतर यानी जियो फेंसिंग दायरे में आने पर ही काम करेगा। इस ऐप को खोलने के बाद एक ओटीपी उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगा। इसे फीड करेंगे तो ही हाजिरी लग सकेगी। जैसे ही छात्र, शिक्षक उस कैंपस से बाहर जाएंगे तो उनका रिकॉर्ड अपडेट हो जाएगा।