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केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चरों की हो रही मौतों पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में पशु प्रेमी गौरी मौलखी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार सहित उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व अन्य जिलों के जिलाधिकारियों समेत पशुपालन विभाग से जवाब मांगा है। गौरी द्वारा चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं और केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़े खच्चरों की हो रही मौतों को लेकर याचिका दायर की गयी थी।

उन्होंने अपनी याचिका में उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों में 20 हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों का यात्रियों का समान ढोने, उनके खराब स्वास्थ्य, उनकी क्षमता से अधिक बोझ उठवाने और यात्रा मार्ग पर इन घोड़े खच्चरों के स्वास्थ्य की जांच के लिए पशु चिकित्सकों की तैनाती सहित चारे-पानी व छप्पर की कोई उचित व्यवस्था न होने का उल्लेख किया था।

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वहीं इस बात का भी उल्लेख किया था कि यात्रा मार्ग पर आवश्यक से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण धक्का मुक्की और जहां तहां यात्रा मार्ग पर जानवरों की लीद से यात्रियों और घोड़े के फिसलने से कई मौत हो चुकी हैं। यात्रा मार्ग पर जिन घोड़े खच्चरों की मौत हो रही, उन्हें नदियों में फेंका जा रहा है, जिसे नदी का जल तो दूषित हो रहा है। बताया गया कि अब तक करीब छह सौ घोड़ों-खच्चरों की मौत हो चुकी है।

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