जहां एक तरफ सरकार गरीव महिलाओं को अनेकों सुविधा मुहइया करा रही है तथा भृष्टाचार पर रोक लगाने के लाख प्रयतन कर रही हो लेकिन वदायूं महिला अस्पताल में भृष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जहां गर्भवती महिला की डिलीवरी में अवैद्य वसूली करना नर्स स्टाफ की आदत सी पड गयी है।
एक ऐसा ही मामला महिला जिला अस्पताल में सामने आया है। जहाँ बिल्सी थाना क्षेत्र के गांव रिसोली निवासी मुनेंद्र पाल सिंह की पुत्रवधू गर्भवती महिला शिल्पी पत्नी कवेंद्र सिंह को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां ससुर मुनेंद्र पाल सिंह ने आरोप लगाया है। कि मैने अपनी गर्भवती पुत्रवधू को शुक्रवार को 3:00बजे के समय भर्ती कराया था।
जिसने एक शिशु को जन्म दिया था कुछ समय बाद शिशु की हालत ज्यादा खराब होने लगी तभी आनन फानन में शिशु को गहन शिशु चिकित्सा वार्ड में भर्ती करा दिया गया।वहां के कर्मचारियों ने कहा कि बीस हजार रुपये दो तब भर्ती करेंगे।मैने कहा कि दो हजार ले लो मुझ पर बीस हजार रुपये नहीं हैं कर्मचारी नहीं माने फिर तीन हजार मैंने और दे दिए।फिर भी शिशु की हालत ज्यादा खराब होने लगी तब उन्होंने उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था।
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जहां शिशु की मौत हो गई।मैने इस संबंध में जिलाधकारी से शिकायत भी की है ।जहां अधिकारियों की एक टीम गठित की गयी है उनके द्वारा मौके की जांच की गई है।अब देखना यह है कि जांच में जिलाधकारी अस्पताल कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई करती हैं।