श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर (इंटर्न) के साथ एक प्रशिक्षु डॉक्टर को अभ्रदता व अनुचित व्यवहार करना भारी पड़ गया। महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की शिकायत पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने तत्काल जांच कमेटी बैठाई गई। जांच में पुष्टि होने पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने प्रशिक्षु पुरूष इंटर्न को अनिवार्य इंटर्नशिप पोस्टिंग से तीन हफ्ते के लिए निलम्बित किया गया।
विगत एक मई को कॉलेज की एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर (इंटर्न) ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से शिकायत की थी कि उनके साथ इंटर्नशिप कर रहे एक पुरूष प्रशिक्षु डॉक्टर द्वारा बदतमीजी, अभद्रता और अनुचित व्यवहार किया गया। जिसको देखते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने तत्काल मामले को अति गंभीर देखते हुए जांच बैठा दी थी।
जांच कमेटी ने महिला प्रशिक्षु डॉक्टर (इंटर्न) की शिकायत की पुष्टि होने पर रिपोर्ट प्राचार्य को सौंपी। जिसके बाद प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने अनुशासनहीनता को देखते हुए अभद्रता करने वाले पुरूष प्रशिक्षु डॉक्टर को एक वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप पोस्टिंग से तीन सप्ताह के लिए निलम्बित कर दिया। पूर्व में भी अनुशासनहीनता पर उक्त प्रशिक्षु डॉक्टर पर कार्यवाही हो चुकी है।
प्राचार्य ने कहा कि प्रोफेशनल जीवन में अनुशासन सर्वोपरि है। अनुशासन नहीं तो जीवन का कोई मतलब ही नहीं रह जाता है। उन्होंने कहा कि एक चिकित्सक ही क्या किसी भी प्रोफेशन में सबसे पहले मानवीय गुणों का होना नितांत जरूरी है। तभी वह जीवन के किसी भी फील्ड में समाज सेवा के साथ-साथ सफलता की बुलन्दियों को छू सकता है। श्रीनगर कॉलेज में इस तरह के अनुशासनहीनता के मामलों का तत्काल संज्ञान लिया जाता है, ताकि कॉलेज में अनुशासन बना रहे।