बता दे की उत्तर प्रदेश में सड़कों के गड्ढों की शिकायतों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 नवंबर तक प्रदेश की सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने का निर्देश दिया है।
योगी ने कहा कि गांव हो या शहर, अच्छी सड़क प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है। बेहतर कनेक्टिविटी किसी भी प्रदेश की प्रगति का बड़ा माध्यम होती है। बीते पांच वर्ष में सरकार ने इस दिशा में फोकस किया है, लेकिन समय-समय पर इनकी मरम्मत होनी चाहिए।
उन्होंने पीडब्ल्यूडी, नगर विकास, सिंचाई, आवास एवं शहरी नियोजन, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, गन्ना विकास विभाग, औद्योगिक विकास विभाग सहित सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभागों को इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण गुणवत्ता की समय-समय पर जांच कराने, निर्माण में लापरवाही अथवा अधोमानक सड़कों के मामलों में संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय किया जाए। उन्होंने सड़क निर्माण में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मोड) पर सड़क निर्माण की योजना बनाने के भी निर्देश दिए।
साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना विकास विभाग को चीनी मिलों के जीर्णोद्धार, तकनीकी क्षमता बढ़ोतरी, निजी चीनी मिलों को सॉफ्ट लोन देने, विभाग की सड़कों के निर्माण, मरम्मत के लिए एक विशेष निधि की स्थापना करने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री ने इंडियन रोड कांग्रेस के अधिवेशन की तैयारियां समय पर पूरी करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कोरोना संक्रमण की चुनौती के बाद भी पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण समय पर पूरा किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईआरसी अधिवेशन में देश-दुनिया की नवीनतम तकनीकों पर विमर्श होगा। यह अधिवेशन प्रदेश के इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी होगा।