प्रदेश में 47 हजार बंदरों की नसबंदी जानते है पूरी खबर
प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में अगर लोग खेती से विमुख हो रहे, तो इसका बड़ा कारण बंदरों है।
बता दें कि बीते सात सालों में अब तक 46,973 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है। प्रदेश में वन विभाग की ओर से दिसंबर 2021 में गणना के बाद बंदरों और लंगूरों के आंकड़े जारी किए गए थे। 31 वन प्रभागों और मानव बस्तियों से सटे क्षेत्रों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, राज्य में बंदरों की संख्या 1,10,481 और लंगूरों की संख्या 37,735 है।
वर्ष 2015 की गणना के सापेक्ष बंदरों की संख्या में 25 प्रतिशत और लंगूरों की संख्या में 31 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। 46,973 बंदरों की नसबंदी की गई, जबकि 12,524 बंदरों को बिना नसबंदी किए छोड़ दिया गया।
वन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020-21 में सबसे अधिक 19 हजार 961 बंदर पकड़े गए। इनमें से 18 हजार 501 बंदरों की नसबंदी की गई, जबकि इस साल सितंबर तक सात हजार 771 बंदरों को पकड़ा जा चुका है, जबकि दो हजार 647 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है।
राज्य में तीन बंदरबाड़े बनाए गए हैं, जहां नसबंदी की जाती है। इनमें पहला चिड़ियापुर (हरिद्वार वन प्रभाग), दूसरा अल्मोड़ा (सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग) और तीसरा रानीबाग (नैनीताल वन प्रभाग) में है।