भारत में इस वक्त जबरदस्त बारिश का कहर जारी है। खासकर उत्तर भारत में तो पिछले दो दिनों से लगातार वर्षा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। दिल्ली-एनसीआर में इस बारिश के चलते लोगों को भारी मुश्किल उठानी पड़ रही है। लगभग पूरे देश में दशहरा के बाद भी बारिश का प्रकोप जारी रहे। हालांकि, इस साल मानसून सीजन के बाद भी कुछ एक इलाकों को छोड़कर भारत के अधिकतर हिस्से में या तो बारिश जारी है या भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है।
माना जाता है कि भारत में मानसून सामान्य तौर पर अगस्त तक पूरी तरह छा जाता है। इसके बाद सितंबर मध्य में इसके वापस लौटने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है। मानसून के इसी लौटने की प्रक्रिया को मानसून विड्रॉल कहते हैं। इस दौरान बारिश खत्म होने के साथ ही नमी में कमी दर्ज की जाती है और देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में भी बारिश का धीरे-धीरे कम होना जारी रहता है। सामान्य तौर पर पूरे भारत में मानसून विड्रॉल 15 अक्तूबर तक पूरा हो जाता है।
तो मानसून की देर से निकासी। मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल मानसून कई जगहों पर देर से पहुंचा। इसके चलते देश के पश्चिमी हिस्सों में मानसून सितंबर तक एक्टिव रहा। इसी सक्रियता का असर मानसून के लौटने की प्रक्रिया पर पड़ा है। इस बीच जब राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से दक्षिण-पश्चिम मानसून के लौटने की प्रक्रिया जारी ही थी, ठीक उसी वक्त बंगाल की खाड़ी में कम-दबाव वाला क्षेत्र बन गया, जिसके चलते चक्रवात के पैदा होने की संभावना भी जताई जा रही है।
तो मानसूनी बारिशों का असर उत्तर भारत में मंगलवार तक जारी रह सकता है।उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों में अगले दो दिनों तक बारिश का दौर जारी रह सकता है। इसके अलावा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू, दिल्ली-एनसीआर और उत्तरी राजस्थान में भी भी 10 से 12 अक्तूबर तक बारिश का यही दौर जारी रह सकता है।