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आंगनबाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति को लेकर विवाद, शासनादेश के चलते कई ग्रामीण नियुक्ति से बाहर
आंगनबाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति में विवाद सामने आया है शासनादेश के अनुसार राजस्व गांव के निवासी इस पद पर चयनित हो सकते हैं ऐसे में राजस्व ग्राम की बसावट वाले गांव के अभ्यर्थियों को नियुक्ति से बाहर कर दिया गया है इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी ने डीपीओ को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
आंगनबाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति को लेकर विवाद
आंगनबाड़ी सहायिकाओं की नियुक्ति में विवाद सामने आया है शासनादेश के अनुसार राजस्व गांव के निवासी इस पद पर चयनित हो सकते हैं ऐसे में राजस्व ग्राम की बसावट वाले गांव के अभ्यर्थियों को नियुक्ति से बाहर कर दिया गया है इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी ने डीपीओ को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। बताते चलें की इन दोनों बाल विकास विभाग के अंतर्गत गांव की आंगनबाड़ियों में सहायिकाओं के पद के लिए नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न हुई है। इस पद के लिए अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे अब जब की अधिकांश पदों पर नियुक्ति हो गई है तो नया विवाद सामने आ गया है कई अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने भी इस पद के लिए आवेदन किया था लेकिन उनका आवेदन यह कहकर खारिज कर दिया गया कि वह ग्राम के निवासी नहीं है जबकि उनका कहना है कि वे उसी राजस्व ग्राम के तहत आते हैं। सिर्फ गांव का नाम अलग होने के कारण उन्हें चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हुए अभ्यर्थियों ने मुख्य विकास अधिकारी से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराई जिस पर सीडीओ ने जिला कार्यक्रम अधिकारी पौड़ी को शिकायतों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)