राज्य में आए दिन होने वाले सड़क हादसों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है लिहाजा देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने राजधानी के सभी सड़क दुर्घटना संवेदनशील क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर के निर्माण के आदेश दिए थे, आदेशों पर अमल भी हुआ और बनाए गए एसे स्पीड ब्रेकर जिन्होने सड़क हादसों को दोगुनी रफ्तार पकड़ा दी, वजह-स्पीड ब्रेकरों के मनमाने मानक। राजधानी के दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में इन स्पीड ब्रेकरों ने हादसे कम करने की बजाय उल्टा इजाफा कर डाला, जिसको देखते हुए राज्य के CM पुष्कर सिंह धामी ने मनमाने तरीकों से बनने वाले स्पीड ब्रेकरों में अंकुश लगा दिया है और लोक निर्माण विभाग के सभी डिवीजनों के अभियंताओं को सही मानक तय करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
लोक निर्माण विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी
CM धामी के आदेशानुसार लोक निर्माण विभाग ने अपने सभी डिवीजनों के अभियंताओं को मानक तय करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता राजेश चंद्र ने सभी अभियंताओं के लिए पांच पेज की गाइडलाइन जारी कर इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों का पालन करने को कहा है। प्रमुख अभियंता राजेश चंद्र ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि – हमने अपने सभी अभियंताओं को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में जरूरत का आकलन कर स्पीड ब्रेकर और हंप बनाएं और इनके निर्माण में इंडियन रोड कांग्रेस-2018 के मानकों का सख्ती से पालन किया जाए। इसके तहत वाहनों की रफ्तार कम करने के लिए बनाए जाने वाले 5 श्रेणी के स्पीड ब्रेकर-रंबल स्ट्रिप की अधिकतम ऊंचाई पांच मिमी से 10 सेमी ही रहेगी। प्रमुख
धामी सरकार ने तय किए यह मानक
-सरक्यूलर हंप ऐसे ब्रेकर का निर्माण वाहनों की पासिंग स्पीड के आधार पर होता है। जिसकी अधिकतम ऊंचाई 10 सेंटीमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
-ट्रैप्जोइडल हंप इसे भी उन स्थानों पर बनाया जाएगा, जिन सड़कों पर यातायात का बहुत दबाव होता है। इसकी न्यूनतम लंबाई 2.50 मीटर होगी और हंप के फ्लैट हिस्से की ऊंचाई 50 से 100 एमएम रखी जा सकती है।
– रंबल स्ट्रिप इनका निर्माण नेशनल हाईवे और अत्यधिक यातायात दबाव वाली सड़कों पर होता है। जिसकी हर स्ट्रिप की ऊंचाई 20 से लेकर 30 एमएम रहेगी।
– ट्रांसवर्स बार मार्किंग इसे थर्मोप्लास्टिक पेंट से बनाया जाता है। इसके एक सेट में छह बार (डंडे)होते हैं। इस पेंट की मदद से सड़क पर 15 एमएम ऊंचाई का स्ट्रक्चर बन जाता है।
– स्पीड ट्रबल इसे ऐसे रूट पर बनाया जाता है, जहां बसें ज्यादा चलती हैं। इसकी लंबाई बस के व्हील बेस की लंबाई से अधिक रखी जाती है।