जोशीमठ-मलारी हाईवे पर बन रही झील का निरीक्षण
जोशीमठ-मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर धोली नदी में मलबा जमा होने के कारण बन रही झील का शनिवार को उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। एसडीएम ने सिंचाई विभाग को नदी का मुहाना चौड़ा करने और पानी के प्रवाह को तेज करने के निर्देश दिए। बताया गया कि अगस्त माह में अतिवृष्टि के दौरान तमक नदी उफान पर आने से सीमांत क्षेत्र को जोड़ने वाले मलारी हाईवे पर बीआरओ का मोटर पुल बह गया था। उसी दौरान भारी मलबा आने से धोली नदी का जल प्रवाह बाधित हो गया, जिससे झील बनने लगी। बीआरओ ने पहले झील का मुहाना खोलकर पानी की निकासी का प्रयास किया था, लेकिन अपूर्ण निकासी के चलते फिर से पानी एकत्र हो गया है। प्रशासन ने एहतियातन सतर्कता बरतते हुए क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है ताकि किसी भी संभावित आपदा से बचाव किया जा सके।एसडीएम ने मुहाना चौड़ा करने के दिए निर्देश
जोशीमठ-मलारी हाईवे पर धोली नदी में बन रही झील के निरीक्षण के लिए शनिवार को उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि 31 अगस्त को तमक नाले में अतिवृष्टि के कारण धोली नदी का जलस्तर बढ़ गया था और प्रवाह रुक गया था, जिसे तत्काल खोल दिया गया था। वर्तमान में नदी का प्रवाह सामान्य रूप से चल रहा है। एसडीएम ने सिंचाई विभाग को नदी का मुहाना और चौड़ा करने के निर्देश दिए ताकि पानी का बहाव और भी सुचारू रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल क्षेत्र में किसी तरह के खतरे की आशंका नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)









