उत्तराखंड में 582 मलिन बस्तियां हैं , जिसमें से इकलौते देहरादून में ही सिर्फ 129 मलिन बस्तियां हैं । तीन साल पहले प्रदेश सरकार ने अपने अध्यादेश के कार्यकाल को दूसरी बार बढ़ाया था, लेकिन अब इन बस्तियों के अध्यादेश की समय सीमा 23 अक्टूबर को समाप्त हो चुकी है। एसे में मलिन बस्तियों को उनके स्थानों से हटाया जाना था लेकिन बस्तियों में रहने वाले लोगों ने CM धामी से गुहार लगाई थी की उनकी बस्तियों को स्थाई किया जाए और उन्हें यथावत रखा जाए।
मलिन बस्तियों की राहत तीन साल के लिए बढ़ी
उत्तराखंड में मलिन बस्तियों की समयावधि समाप्त हो चुकी है जिन्हें अब हटाया जाना है लेकिन बीते दिनों पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मलिन बस्तियों पर बड़ा बयान देते हुए आश्वासन दिया था कि मलिन बस्तियों को उनके स्थान से नहीं हटाया जाएगा, चूंकि 23 अक्तूबर को हुई कैबिनेट बैठक में मलिन बस्तियों की वैधता के संबंध में अध्यादेश लागू करने का निर्णय किया गया था लिहाजा इसके लिए धामी सरकार ने नगर निकाय और प्राधिकरण के लिए एक विशेष प्राविधान संशोधन अध्यादेश 2024 जारी किया था। मंगलवार को राजभवन ने धामी सरकार द्वारा प्रस्तावित अध्यादेश पर मोहर लगा दी है और नैनीताल हाइकोर्ट ने भी संबंधित प्रकरण पर अपना फैसला सुनाते हुए मलिन बस्तियों को 3 साल के लिए वैध घोषित कर दिया है।
इसके अतिरिक्त धामी सरकार द्वारा एक और अध्यादेश प्रस्तुत किया गया था जिसमें निकायों में ओबीसी आरक्षण से जुड़े कुछ निर्णय शामिल थे जिनका राजभवन में बारीकी से परीक्षण चल रहा है और जल्द ही संबंधित अध्यादेश पर फैसला सुनाया जाएगा।