उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात भीषण आग लगने से 10 नन्ही जानों ने हमेशा हमेशा के लिए अपनी आँखें बंद कर ली। यह आग जिस वॉर्ड में आग लगी थी उसमें कई बच्चों को इलाज चल रहा था । आग करीबन साढे़ दस बसे लगी और उस समय वार्ड में तकरीबन 55 से 60 नवजात शिशु वार्ड में मौजूद थे जिसमें से 17 मासूम घायल हो गए तो वंही 10 मासूम जानों ने अपनी जिंदगी खो दी। आग लगने के पीछे का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। अकस्मात लगी आग से अस्पताल में हड़कंप मच गया और अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल हो गया।
हादसे ने ना केवल मासूमों की जिंदगी छीनी बल्कि परिजनों को भी सदमें में डाल दिया, जहां रात भर कोई परिजन अपने नवजात बच्चे को लेकर अस्पताल परिसर में बैठकर रोते बिलखते रहे तो कई माता पिता अपने बच्चे की तलाश में रात भर अस्पताल में भटकते रहे। इस हादसे की विभिसिका का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जो शिशु वार्ड पहले मशीनों से भरा नजर आता था अब वह केवल राख का ढ़ेर मात्र रह चुका है।
कब और कैसे हुआ हादसा
मौके पर मौजूद स्टाफ़ से प्राप्त प्राथमिक जानकारी के अनुसार, 10:30 से 10:45 बजे के बीच संभवत: शॉर्ट सर्किट की वजह से NICU के अंदर की यूनिट में आग लगी। NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे और अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई जिसको बुझाने की कोशिशें की गईं लेकिन चूंकि NICU वार्ड बहुत ही ज्यादा ऑक्सिजिनेड होता है इस कारण आग ने भीषण रूप ले लिया।
चश्मदीद परिजन ने बयां करी घटना
अग्निकांड के चश्मदीद कृपाल सिंह ने बताया कि जब वे अपने बच्चे को दूध पिलाने वार्ड के अंदर गए थे तो तभी अचानक एक नर्स चिल्लाती हुईं बाहर की ओर भागी और उनके पैर पर आग लगी हुई थी। हमने लगभग 20 बच्चों को सकुशली बचाकर बाहर निकाला और नर्सों को सौंपा। कृपाल सिंह ने आगे बताया कि उनमें से काफी बच्चे एसे भी थे जिन्हे ऑक्सिजन सिलेंडर लगाया गया था और कईं नवजातों की हालत काफी गंभीर थी। कृपाल सिंह के अनुसार शिशु वार्ड में मौजूद मशीने काफी ज्यादा हीट हो चुकी थी जिस वजह शॉट सर्किट हो गया और मासूमों की जान चली गईं।
CM योगी ने व्यक्त की संवेदनाएं
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट लिखकर घटना पर दुख ज़ाहिर किया है तो वहीं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “घटना कैसे हुई, किन कारणों से हुई, हम इस बात का पता लगाएंगे और अगर किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो उसकी ज़िम्मेदारी तय करेंगे और सख़्त कार्रवाई करेंगे. किसी को छोड़ा नहीं जाएगा.”