दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीजों को राहत
देहरादून स्थित दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीजों को अब बड़ी राहत मिलने जा रही है, क्योंकि बहुत जल्द आइपीडी में भी अल्ट्रासाउंड सुविधा शुरू की जा रही है। अब तक भर्ती मरीजों को जांच कराने के लिए ओपीडी जाना पड़ता था, जहां लंबा इंतजार और भीड़भाड़ की वजह से खासकर वृद्ध और गंभीर मरीजों को खासी दिक्कत होती थी। अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती की प्रक्रिया शुरू कर दी है और नई मशीन की स्थापना का कार्य भी चल रहा है। वर्तमान में अस्पताल में संविदा पर केवल एक रेडियोलॉजिस्ट डॉ. सुबोध नौटियाल तैनात हैं, जो ओपीडी में गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड करते हैं, जबकि अधिकतर अल्ट्रासाउंड जांचें आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से कराई जाती हैं। एजेंसी के पास दो रेडियोलॉजिस्ट तैनात हैं, जो प्रतिदिन औसतन 130 से 140 अल्ट्रासाउंड जांचें करते हैं, जिनमें कलर डॉप्लर जैसी जांचें भी शामिल हैं। पूर्व में यहां रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती थी, लेकिन अनुबंध समाप्त होने के बाद से यह सुविधा बंद थी। अब आइपीडी में अल्ट्रासाउंड शुरू होने से भर्ती मरीजों को राहत मिलेगी और अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की रफ्तार भी और बेहतर हो जाएगी।
आईपीडी में जल्द शुरू होगी अल्ट्रासाउंड सेवा, इंतजार से मिलेगी मुक्ति
देहरादून स्थित दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए अब बड़ी राहत मिलने जा रही है। अभी तक अस्पताल में प्रतिदिन 20 से 25 भर्ती मरीजों के अल्ट्रासाउंड जांच ओपीडी में कराए जाते थे, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण इन मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। इससे खासतौर पर वृद्ध और गंभीर मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती थी। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.एस. बिष्ट ने जानकारी दी कि भर्ती मरीजों की सहूलियत के लिए पुरानी बिल्डिंग में जल्द अल्ट्रासाउंड सेवा शुरू की जा रही है और इसके लिए आउटसोर्स एजेंसी को जगह आवंटित की जा चुकी है। इस सुविधा की शुरुआत होने के बाद भर्ती मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए ओपीडी की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी और उन्हें समय पर जांच कराने में आसानी होगी। वहीं, ओपीडी में सिर्फ बाहरी मरीजों की ही अल्ट्रासाउंड जांच की जाएगी, जिससे वहां भीड़भाड़ और इंतजार का समय कम होगा। इसके साथ ही 24 सितंबर को कॉलेज स्तर पर 125 पदों के लिए साक्षात्कार आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें रेडियो-डायग्नोसिस के आठ पद भी शामिल हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इन साक्षात्कारों से नए रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति होगी, जिससे अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवाएं और अधिक मजबूत और सुचारू हो जाएंगी।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)
