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मुख्यमंत्री धामी की मौजूदगी में सिलक्यारा टनल हुई ब्रेकथ्रू, घर से भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे मुख्यमंत्री धामी….मुख्यमंत्री धामी ने करी यह घोषणा
मुख्यमंत्री धामी की मौजूदगी में सिलक्यारा टनल हुई ब्रेकथ्रू
उत्तराखंड के चल रहे विकास कार्यों में से एक प्रोजेक्ट ने उत्तराखंड के विकास कार्यों पर प्रगति की मोहर लगा दी है। दरअसल, आज बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में सिलक्यारा सुरंग के ब्रेकथ्रू कार्यक्रम को सम्पन्न किया गया। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की दृष्टि से सिलक्यारा सुरंग बहुत ही पेचिदा और महत्वपूर्ण परियोजना है। आपको बता दें कि लगभग 853 करोड़ लागत की डबल लेन की इस सुरंग परियोजना की लंबाई 4.531 किलोमीटर है। मुख्यमंत्री धामी ने आज सिलक्यारा सुरंग के ब्रेकथ्रू कार्यक्रम में कहा कि सिलक्यारा अभियान पर पूरी दुनिया की नजरें थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और भारत सरकार के पूर्ण सहयोग के चलते राज्य सरकार ने इस चुनौतीपूर्ण अभियान को सफलता पूर्वक संचालित किया। इस रेस्क्यू अभियान में देश और दुनिया में उपलब्ध आधुनिक संसाधनों और विशेषज्ञों का भी सहयोग लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों ने जिस धैर्य का परिचय दिया, इससे हमारा हौसला बढ़ा।घर से भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे मुख्यमंत्री धामी
उत्तराखंड की वादियों के बीच चल रहे इस पेचिदा प्रोजेक्ट के सफल ब्रेकथ्रू के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। वहीं बौखनाथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं अपने घर से ही मुख्यमंत्री भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे। दरअसल, जब सिलक्यारा सुरंग के निर्माण के दौराम वहां श्रमिक फंस चुके थे तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं सिल्क्यारा अभियान के दौरान कैम्प कर रेस्क्यू अभियान की निरंतर निगरानी और निर्देशन किया था और उसी समय रेस्क्यू अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से मन्नत मांगते हुए मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था। मदिंर में प्राण प्रतिष्ठा को समय मुख्यमंत्री धामी ने बाबा बौखनाथ से समस्त उत्तराखंड और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाथ का महिमा वर्णन करते हुए बताया कि जब सुरंग के मुख पर बाबा बौखनाग को विराजमान किया, तभी फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला जा सका। लिहाजा यही कारण भी रहा कि मुख्यमंत्री धामी ने बाबा बौखनाथ का भव्य मंदिर बनाने की घोषणा करी थी, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से संकल्प भी पूरा हुआ है और श्रद्धालु भी बाबा बौखनाग का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे।सिलक्यारा सुरंग से दो धामों के बीच कम होगी 26 किमी दूरी
उत्तराखंड में चल रही इस महत्वकांक्षी सुरंग परियोजना के सफल अनावरण से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच तकरीबन 26 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी, जिसका फायदा चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को सुगमता सुविधा और समय की बचत के रुप में होगा। इस परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। सिलक्यारा टनल ब्रेकथ्रू के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों, श्रमिकों को बधाई दी और कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर न केवल उन्नत इंजीनियरिंग की सफलता का प्रतीक है, बल्कि आस्था और समर्पण की शक्ति का जीवंत उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि सिलक्यारा टनल अभियान दुनिया का सबसे जटिल और लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन था। इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की। वहीं मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह घटना तकनीकी और मानवीय संकल्प की वास्तविक परीक्षा थी, सभी ने एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाया। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री धामी ने समस्त रेस्क्यू टीम, रैट माइनर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सहयोगी संस्थाओं का भी इस अभियान को सफल बनाने में आभार व्यक्त किया।मुख्यमंत्री धामी ने करी यह घोषणा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा टनल ब्रेकथ्रू पर कहा कि सिलक्यारा टनल का नाम बाबा बौखनाग के नाम पर किये जाने की कार्यवाही की जायेगी। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गेंवला-ब्रह्मखाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाया जायेगा। इसके अतिरिक्त बौखनाग टिब्बा को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा तो वहीं, स्यालना के निकट हेलीपैड का निर्माण किया जायेगा।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)