बता दे की ओखला तेहखंड में एमसीडी द्वारा तैयार 25 मेगावाट क्षमता के बिजली संयंत्र का गृहमंत्री अमित शाह ने उद्घाटन किया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह संयंत्र प्रतिदिन लगभग 2000 मीट्रिक टन कचरे का प्रबंधन करेगा, इसके साथ ही इस संयंत्र द्वारा 25 मेगावाट हरित ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा।
इस संयंत्र के संचालित होने से दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र के सारे सूखे कचरे की खपत यहीं पर हो जाएगी। इससे भलस्वा लैंडफिल साइट पर जमा पुराने कचरे को तेजी से समाप्त करने में आसानी होगी।
दिल्ली में रोज 10000 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। इसमें से ओखला लैंडफिल साइट पर दक्षिण, पश्चिम, मध्य और नजफगढ़ जोन से रोजाना करीब 4000 मीट्रिक टन कचरा जाता है। इसमें बड़ी मात्रा में बाजारों और औद्योगिक इकाइयों से निकला कूड़ा शामिल होता है।
एमसीडी के विशेष अधिकारी के अनुसार शहर में सूखे कचरे के निस्तारण के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट ही उपाय है। इससे लैंडफिल साइटों पर जमा कचरे को कम किया जा सकता है। जमा कचरे का उपयोग करके बिजली बनाई जा सकती है और विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग की जा सकती है।
गाजीपुर लैंडफिल साइट पर प्रतिदिन 1300 मीट्रिक टन कचरे की खपत वाला वेस्ट टू एनर्जी प्लांट चल रहा है। इसी प्रकार भलस्वा में 1500 मीट्रिक टन प्रतिदिन कचरा खपत वाला एक और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट कार्य कर रहा है। इसके साथ ही गाजीपुर में एक और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाने की योजना है।