परिवहन विभाग के मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की मंगलवार सुबह से पूरे राज्य में हड़ताल हो रखी है। जिसके कारण आरटीओ व एआरटीओ के कार्यालय और परिवहन चेकपोस्टों पर भी काम नहीं हो पा रहा है, पदोन्नति से जुड़े शासनादेश में गलती के कारण कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की गई है। आरटीओ कार्यालय में भी कर्मचारी धरना दे रहे है, कार्यालय में काम न होने की वजह से आवेदकों का न तो ड्राइविंग लाइसेंस, टैक्स जमा , नए वाहनों का पंजीकरण आदि सारे कामों पर रोक लग गई है। साथ ही राज्य के सभी परिवहन चेकपोस्टों पर भी काम को रोक दिया गया है।
कर्मचारियों की हड़ताल से सबसे ज्यादा दिक्कतें लर्निंग ड्राइवरों को लाइसेंस बनाने में आई। क्योंकि ऑनलाइन आवेदन की वजह से आवेदकों को परीक्षा व बायोमैट्रिक की जो तारीख बताई गई थी,उस दिन से ह़ड़ताल होने की वजह से आवेदकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आरटीओ दिनेश चंद पठोई ने कहा कि जो परीक्षा हो नही पाई, उसे आने वाले समय में नए शिरे से कराई जाएगी।
सरकार के सामने आयी दिक्कतें
सरकार को रोजाना आरटीओ कार्यालय से 40 से 50 लाख रु. का राजस्व कर मिलता है, जबकि देशभर के चार करोड़ रु. रोजाना राजकीय खजाने में जमा होते है। यदि ये हड़ताल ऐसी ही चलती रही तो सरकार को इतनी भारी मात्रा में नुकसान झेलना पड़ेगा। परिवहन विभाग मिनिस्टीरियल कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने बताया कि महासंघ के वेतन या खर्चों को लेकर कर्मचारी मांग नहीं कर रहे, जिससे सरकार उनकी जिद को पूरा नहीं कर रही बल्कि हड़ताल शासनादेशों को लेकर की जा रही है। वहीं आरटीओ परिसर में हड़ताली कर्मचारी सरकार के विरुद्ध धरना देकर नारेबाजी कर रहे है, जिसमें महामंत्री यशवीर सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष दौलत सिंह पांडे, संगठन मंत्री गढ़वाल विनोद चमोली, शाखा अध्यक्ष देहरादून बृज मोहन आदि शामिल है।
सिमरन बिंजोला