बसपा मुखिया मायावती ने भी पीएम मोदी के तीन कृषि कानून को वापस लेने की घोषणा पर प्रतिक्रिया दी है। मायावती का कहना है कि लंबे समय से लगभग एक वर्ष तक सर्दीं गर्मी व बरसात आदि की मार झेलते हुए किसान अपने आंदोलन पर डटे रहे और साथ ही किसानों का बलिदान भी अंत मे रंग लाया। बसपा मुखिया का कहना है कि केन्द्र सरकार ने उन विवादित कानूनों को वापस लेने की घोषणा थोड़ी देर से की, जबकि यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था।
मायावती ने कहा अगर केन्द्र सरकार ने यह फैसला बहुत पहले ले लिया होता, तो देश अनेक प्रकार के झगड़ो व झंझटो से बच जाता। बसपा मुखिया मायावती का ये भी कहना था। कि अभी भी किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य देने में राष्ट्रीय कानून मांग बनाने की खास मांग भी अधूरी पड़ी रही है।
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बसपा मुखिया का कहना यह भी कहना है, कि जिसके लिए बीएसपी की मांग है केन्द्र सरकार आने वाले सांसद में शीतकालीन सत्र के इस संबध में कानून बनाकर किसानों की मांग को भी जरूर स्वीकार करें।
शिवानी चौधरी