मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी के कुलड़ी कैमल्स बैक रोड पर स्थित पहले एशिया और अब भारत के सबसे बड़े एतिहासिक वुडन स्किेटिंग रिंक में रविवार तड़के साढ़े तीन बजे आग लग गई। ंिरंक के 12 कमरे आग की भेंट चढ़ गए और बाहर खड़ी दो कारें भी बुरी तरह जल गई। रिंक के डायरेक्टर और स्टाफ को किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला गया। आग की वजह शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग इतनी भीषण थी कि जाफर हाल, कुलड़ी और आसपास के क्षेत्रों में अफरा-तफरी मच गई।
दो घंटे बाद लय में आई फायर सर्विस
रिंक में आग लगने के दो घंटे बाद फायर सर्विस अपनी लय में आई। हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। कैमल्स बैक में सड़क पर वाहनों के पार्क होने के कारण फायर बिग्रेड की गाड़ी बड़ी मुश्किल से मौके पर पहुंच पाई। जो गाड़ी आई भी उसमें पानी नहीं थी। फिर दूसरी गाड़ी पानी लेकर आई। फायर सर्विस को हाइड्रेड ढंूढने और खोलने में भी एक घंटे से अधिक का समय लग गया। फिर 20 मिनट से अधिक हाडड्रेंड को साफ करने में लग गए।
ब्रिटिश काल में हुआ था रिंक का निर्माण
इस रिंक का निर्माण ब्रिटिश काल में 1890 में हुआ था। यह एशिया का सबसे बड़ा स्केटिंग रिंक है। इसमें एक विल्यिर्ड रुम भी है, जिसमें दो टेबल हैं। इनमें से एक टेबल तत्कालीन समय की सबसे बेहतर छह पाॅकेट वाली है। इस टेबल में माइकल फरेरा और गीत सेठी समेत कई नामी खिलाड़ियों ने हाथ अजमाए।
मूसरी में भीषण आग की तीसरी घटना
मसूरी में भीषण आग की यह तीसरी घटना है। इससे पहले 80 के दशक में स्टैंडर्ड रिंक जलकर राख हो गया था। यह उस वक्त का सबसे भीषण अग्निकांड था। उसके बाद लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी की लाइब्रेरी में भी भीषण आग लगी थी।