संसद के बजट सत्र 2022 का आज दूसरा दिन है, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोक सभा में वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश किया। बजट में कृषि क्षेत्र के लिए वित्त मंत्रालय ने बड़ी घोषणाएं की हैं. बजट में उन्होंने, रबी सीजन 2021-22 में गेहूं की खरीद और खरीफ सीजन 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद से 163 लाख किसानों से 1208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान का कवर मिलेगा। साथ ही 2.37 लाख करोड़ रुपये उनके एमएसपी मूल्य का सीधा भुगतान दिये जाने की घोषणा की।
वित्त मंत्री सीतारमण ने वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है, वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों को डिजिटल सेवाएं दी जाएंगी और भारत में गरीबी मिटाने के लक्ष्य पर पुरजोर रूप से कार्य किया जाएगा. फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा,राज्यों सरकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि कि वे अपने सिलेबस मे फॉर्मिंग कोर्स को जोड़ें. गंगा कॉरिडोर के आसपास नेचुरल फॉर्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, वहीं छोटे उद्योग को से मदद दी जाएगी।
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इससे पहले सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 को लोकसभा के पटल पर रखा था. इकोनॉमिक सर्वे में वित्त वर्ष 2021-22 में रियल टर्म में 9.2 प्रतिशत विकास दर का अनुमान लगाया गया है. वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी के 8.0-8.5 प्रतिशत की दर से विकसित होने का अनुमान है. अप्रैल-नवम्बर 2021 के दौरान पूंजी व्यय में सालाना आधार पर 13.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 31 दिसम्बर, 2021 तक विदेशी मुद्रा भंडार 633.6 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।
इससे पहले फरवरी 2021 के आम बजट में वित्त मंत्री ने दोहराया था कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया, ताकि किसानों को उनकी उपज लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिल सके. बजट में कुछ वस्तुओं पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस लगाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसका इस्तेमाल एग्रीकल्चर सेक्टर के विकास में किया जाएगा। इसके अलावा कृषि कर्ज के लक्ष्य को बढ़ाया गया।
सात साल में किसानों को बढ़ा भुगतान
2021 के आम बजट में सरकार ने बताया था कि 2013-14 में किसानों को गेहू्ं के लिए 33874 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. यह राशि वित्त वर्ष 2020-21 में बढ़कर 75060 करोड़ रुपये हो गई थी। 2020-21 में 43.36 किसानों को इसका फायदा मिला. धान के लिए किसान को 2013-14 में 63298 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था जो 2020-21 में 1,72,752 करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
बजट 2020 में खेती किसानी को क्या मिला
बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों के लिए बड़ा एलान किया था. सूखाग्रस्त इलाकों को ध्यान में रखते हुए पीएम कुसुम स्कीम का ऐलान किया गया था. इस स्कीम के तहत देश के सूखा ग्रस्त इलाकों में 20 लाख किसानों को सोलर पंप दिए जाने का प्रावधान रखा गया था. इसके अलावा बजट में पीपीपी मॉडल पर किसान रेल चलाने का एलान किया गया था. इसके अलावा किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए बजट में 16 बिंदुओं का एक्शन प्लान रखा गया था जिसमें पीएम कुसुम, किसान रेल के अलावा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रूटों पर किसान उड़ान को शुरू करने और मत्स्य उत्पादन को 2022-23 तक बढ़ाकर 200 लाख टन करने और दूध की प्रोसेसिंग की क्षमता को 2025 तक दोगुना करने का प्रस्ताव रखा गया था।