उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रशासन इस बार ग्रामीण इलाकों को लेकर पहले से ही सक्रिय हो गया है, प्रशासन ने ग्रामीण इलाकों में कोरोना महामारी से बचने के लिए ग्राम प्रधानों को जिम्मेदारी सौंप दी है।
ग्राम प्रधानों को जिम्मा सौंपे जाने को लेकर प्रशासन ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दे दिए है कि गांव में कहीं से भी आने वाले प्रवासियों व उनके स्वास्थ्य से संबंधित सूचनाओं को ग्राम प्रधान नोट करके जिलाधिकारी को भेजे, ताकि उनके स्वास्थ्य संबंधी सारी जानकारी प्रशासन को मिलती रहे और ग्रामीण क्षेत्र तक संक्रमण को पहुंचने से रोका जा सके।
कोरोना महामारी की पहली व दूसरी लहर आने पर सभी को मिले सबक से इस बार प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में समय रहते कदम बढ़ा लिए है।
संयुक्त सचिव ओमकार सिंह की तरफ से जिलाधिकारियों को आदेश भेजे गए है कि राज्य में कोरोना के निरंतर बढ़ते मामलों को देख ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के जाने की आशंका है, जिसे देखते हुए अभी से उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।
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दिशा निर्देश के मुताबिक ग्राम प्रधानों से कहा गया है गांव में आने वाले बाहरी व्यक्ति का सबसे पहले पंजीकरण कराया जाए, फिर उसे कुछ दिन तक घर से अलग पंचायत भवन या फिर किसी नजदीकी बने क्वारंटीन विद्यालय के सेंटर में रखा जाए, यदि ऐसा न करने पर ग्रामीण इलाकों में किसी प्रकार का भी कोई संक्रमण पाया गया तो इसकी पूरी जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होगी।
सिमरन बिंजोला