रूस यूक्रेन युद्ध का आज सातवां दिन है। भारत के आम नागरिक का इस युद्ध से भले ही कोई लेना देना न हो, लेकिन उनकी दिलचस्पी इस जंग में बढ़ती जा रही है। कई तरह के सवाल उसके मन में एक साथ कौंध रहे हैं? मसलन क्या यह जंग विश्व युद्ध में तब्दील हो जाएगा? अगर विश्व युद्ध हुआ तो अमेरिका की क्या भूमिका होगी? महायुद्ध के बाद क्या होगा? इस युद्ध में भारत की क्या भूमिका होगी? क्या भारत और रूस की दोस्ती कायम रहेगी? क्या भारत हरदम रूस का साथ निभाता रहेगा? विश्व युद्ध में चीन और पाकिस्तान की क्या भूमिका होगी? आदि-आदि। आइए जानते हैं इस पर प्रो. हर्ष वी पंत (आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के स्ट्रेटजिक स्टडीज प्रोग्राम के निदेशक) की क्या राय है।
मेरी नजर में विश्व युद्ध का खतरा नहीं है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि इसमें शामिल रूस एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है। उसके पास बड़ी मात्रा में परमाणु मिसाइलें हैं। उधर, यूक्रेन के समर्थन में शामिल अमेरिका और कई पश्चिमी देशों के पास परमाणु बम का जखीरा है। ऐसे में दोनों पक्ष अपनी सीमा रेखा को भलीभांति जानते हैं। इसलिए इसकी आशंका कम ही है कि यह युद्ध किसी महायुद्ध या विश्व युद्ध में तब्दील होगा। अलबत्ता अमेरिका और पश्चिमी देश रूस पर कठोर प्रतिबंध लगा सकते हैं। इसका असर रूस पर भयनाक पड़ेगा। रूस दुनिया के कई मुल्कों से अलग-थलग पड़ जाएगा। इसके दूरगामी परिणाम रूस के हितों पर पड़ेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन यह बार-बार संकेत दे रहे हैं कि हमारी या नाटो की सेना यूक्रेन में नहीं प्रवेश करेगी। यह एक संकेत हैं कि हम यूक्रेन में सैन्य हस्तक्षेप नहीं करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान जंग के समय काफी अहम है। उन्होंने इशारा किया है कि यदि रूस यह सोच रहा हो कि जंग लंबा चलने पर अमेरिका या नाटो देश अपनी फौज को यूक्रेन भेज सकते हैं, तो रूस को स्पष्ट हो जाना चाहिए।
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खास बात यह है कि रूस का यह बयान ऐसे समय आया है जब पुतिन ने अपने परमाणु बम की सैन्य टुकड़ी को हाई एलर्ट पर कर दिया था। इससे यह संकेत जाता है कि रूस और अमेरिका इस युद्ध को यूक्रेन के बाहर नहीं ले जाने के इच्छुक हैं। इसलिए एक महायुद्ध या विश्व युद्ध की संभावना नहीं दिखती है।