उत्तराखंड में संगठन के लिहाज से जुलाई में कांग्रेस द्वारा पंजाब के तरीके से बड़ा बदलाव किया गया था। प्रदेश अध्यक्ष के रुप में गणेश गोदियाल को चुना गया था, साथ ही चार कार्यकारी अध्यक्ष भी चुने गए थे। जब कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की गई थी, उस समय जातिगत व क्षेत्रीय समीकरणों पर ज्यादा ध्यान दिया गया था, ताकि चुनाव के समय पार्टी को मजबूती मिल सके।
कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने से पहले ही यहां पर चारों कार्यकारी अध्यक्ष अपनी सीट पर फंसे हुए हैं। हर एक पार्टी द्वारा चुनावी तैयारी की जा रही है, लेकिन कांग्रेसी अध्यक्षों के लिए अपनी सीट पर उलझे रहने से बाकी साटों पर प्रचार करना बहुत कठिन है।
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प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को बनाने पर रणजीत सिंह रावत, भुवन कापड़ी, तिलकराज बेहड़ व प्रोफेसर जीतराम को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। पार्टी के अध्यक्ष परिवर्तन यात्रा सहित अन्य समारोह में एकसाथ दिखे, लेकिन अब सभी अपनी विधानसभा क्षेत्र में स्वयं के लिए कार्य कर रहे है। रणजीत सिंह द्वारा रामनगर, भुवन खटीमा, तुलकराज बेहड़ किच्छा सीट पर दावेदार बने है, और जीतराम पूर्व थराली से विधायक रह चुके है। चारों अध्यक्ष अपने में मजबूती बना रहे हैं।
सिमरन बिंजोला