झांसी की बेतवा नदी पर स्थित सुकुवां-ढुकुवां डैम को देश की सबसे पुरानी व उत्तम इंजीनियरिंग वाली सिंचाई योजना के रूप में चुना गया है। इंटरनेशनल कमीशन ऑन इरीगेशन एंड ड्रेनेज(आईसीआईडी) जैसे वर्ल्ड क्लास ऑर्गनाइजेशन सुकुवां-ढुकुवां डैम को विश्व धरोहर सिंचाई की श्रेणी में चुना है। प्रदेश की यह इकलौती सिंचाई संरचना है जिसे इंटरनेशनल लेवल पर बेहतरीन इंजीनियरिंग के लिए मान्यता मिली।
आईसीआईडी में बीते वर्ष उन जलाशयों का चुना था जो 100 वर्षो के बाद भी कार्य कर रहे हैं। बीते वर्ष अगस्त में सेंट्रल वॉटर कमीशन ने इस डैम का नाम रेकमैंड किया था जिसके तहत बीते दिन सिंचाई विभाग के अध्यक्ष विनोद कुमार निरंजन ने सुकुवां-ढुकुवां बांध के सलैक्ट होने की जानकारी दी। इस बांध के पुरातन सिंचाई स्थल में सम्मलित होने से झांसी के टूरीज्म को भी बढ़ोतरी मिलने की आशा जताई जा रही है।
एग्जीक्यूटीव इंजीनियर उमेश कुमार के अनुसार सुकुवां-ढुकुवां डैम 1909 में निर्मित किया गया था साथ ही 112 वर्ष पुराना यह डैम आज भी अपनी सुंदरता और बेहतरीन इंजीनियरिंग के चलते देश के प्रसिद्ध जलाशयों में गिना जाता है। इसके स्ट्रक्चर में आज तक कोई बदलाव नहीं होने के कारण इसे सबसे बेहतरीन स्ट्रक्चर के रूप में चुना गया।
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सिक्योरिटी के लिए गार्ड नियुक्त किए जाएंगे
सिंचाई विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि पुरातन सूची में जुड़ने से इसके स्ट्रक्चर में अब कोई भी बदलाव न करके इसे भविष्य में भी संभाल कर रखा जाएगा। इंजीनियरों का कहना है कि संरक्षित रखने बाद यहां के टूरीज्म को भी बढ़ावा मिलेगा तथा यहां तक का जाने के मार्ग चौड़ा करके उसकी कनेक्टिवटी बेहतरीन की जाएगी। जानकारी के अनुसार सिक्योरिटी के लिए अलग से गार्ड नियुक्त किए जाएंगे और देश-विदेश के पर्यटकों का आना-जाना भी बढ़ेगा यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
अंजली सजवाण