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बड़ी खबर : पश्चिम की नीतियों से करीब आए रूस और चीन

विदेश मंत्री ने कहा कि रूस अन्य देशों, खासतौर पर एशिया के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की नीतियां रूस और चीन को करीब ला रही हैं। एक तरफ आपके पास ऐसे लोग हैं जो नीतियां बनाते हैं।

दोनों को एकसाथ लाते हैं और फिर कहते हैं उनके एक साथ आने से सावधान रहें। दोनों देशों की नजदीकियों को लेकर यह सवाल ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक माइकल फुलिलोव ने पूछा था।

इससे पहले जयशंकर ने कहा था कि रूस के साथ भारत के स्थायी और बहुत दोस्ताना संबंध हैं। मॉस्को ने कभी भी नई दिल्ली के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया है।

यूक्रेन पर मॉस्को के हमले के बावजूद भारत और रूस के संबंध मजबूत बने रहे। कई पश्चिमी देशों की आपत्तियों के बावजूद भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है।

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की भारत ने नहीं की निंदा भारत ने अब तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है। नई दिल्ली कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए। जयशंकर ने भारत की जी 20 अध्यक्षता पर भी प्रकाश डाला और बताया कि कैसे इसने समूह के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करना सुनिश्चित किया।

उन्होंने कहा कि अगर जी-20 का विस्तार किया जा सकता है तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने आगे कहा, जब धुंध साफ हो जाएगी और लोग पीछे मुड़कर देखेंगे तो जी-20 को देखेंगे और इस तथ्य को देखा जाएगा कि अफ्रीकी संघ की सदस्यता पर सहमति हुई थी।

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