तृणमूल कांग्रेस पार्टी की लीडर व पश्चिम बंगाल कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आए दिन सुर्खियों में बनी हैं। हाल ही में शनिवार को पश्चिम बंगाल के बांकुडा जिले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का एक बैठक को संबोधित करते हुए कहना था कि टीएमसी सरकार केवल शराब कि कीमतों को कम करके केवल शराबियों को राहत देने में अधिक दिलचस्पी रखती है।
भाजपा नेता सुकांत का कहना था कि सरकार ने 1 महीने पूर्व पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले वैल्यू एडेड टैक्स में 12 रुपये कि कमी की थी। साथ ही देश के कई राज्यों ने इसका पालन किया था जिनमें कुछ कांग्रेस शासित राज्य भी शामिल हैं। वहीं सरकार के पेट्रोल तथा डीजल पर उत्पाद शुल्क कम कर दिया था किंतु टीएमसी ने इसका पालन नहीं किया। सुकांत का कहना है कि इस प्रकार आम जनता को किसी तरह कि राहत नहीं मिलेगी।
टीएमसी विधायक इस मामले में क्यों है चुप
सुकांत मजूमदार ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि सिंतबर में ईंधन में बढ़ोतरी के कारण एनडीए के विरोध के समय कोलकाता कि सड़कों पर बैलगाड़ी कि सवारी करने वाले तृणमूल के विधायक मदन मित्रा ने इस मामले में चुपी क्यों साधी है। उनका आगे कहना था कि तृणमूल सरकार का नारा ‘डूर मोड’ अर्थात दरवाजे पर शराब होना चाहिए। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य ने वित्त पोषित योजनाओं से लाभ पाने के लिए रजिस्टर शराब कि कंपनियों को शराब के कारण होने वाले अपराधो कि चिंता किये बिना हि शराब बनाने की मंजूरी देकर अपनी प्राथमिकताओं को दर्शाया है।
राज्य के वर्तमान हालातों ने झुका दिया है सिर
जानकारी के अनुसार हाल ही में बंगाल में भारत में बनी विदेशी शराब कि कीमतों में कमी हुई है। उनके अनुसार बंगाल में बीतें 10 सालों में एसएससी कि नियुक्तियां केवल दो बार हुई है। साथ ही लगातार मामले अदालत में दर्ज किए गए। कई अनियमितताएं भी समने आई हैं। इसके चलते भाजपा नेता का कहना है कि ममता के नेतृत्व वाली सरकार को अपने पोर्टल का नाम एगिये बांग्ला के बजाय लोज्जर बांग्ला अर्थात् ‘बंगाल कि शर्म’ कर देने चाहिए। क्योंकि राज्य कि वर्तमान हालात ने सभी का सिर लज्जा से झुका दिया है।
अंजली सजवाण