हरियाणा विधानसभा चुनावों में जीत से उत्साहित भाजपा का ध्यान अब उत्तर प्रदेश पर लग गया है। लोकसभा चुनावों में भाजपा को सर्वाधिक नुकसान उत्तर प्रदेश में ही उठाना पड़ा था इसलिए पार्टी अब राज्य में जल्द ही 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कोई गलती नहीं करना चाहती। हम आपको बता दें कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश नेतृत्व के साथ बैठक कर सभी 10 की 10 सीटों पर जीत की रणनीति बनाई है और इस संबंध में पार्टी के नेताओं को जिम्मेदारियां बांट दी गयी हैं। दशहरा पर्व के एक दिन बाद रविवार को नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने एक अहम बैठक बुलाई थी जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, यूपी भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, यूपी भाजपा के महासचिव (संगठन) धर्मपाल सिंह तथा अन्य वरिष्ठ नेता सम्मिलित हुए। बैठक में सभी नेताओं को मिलकर काम करने की हिदायत दी गयी है।
उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मिल्कीपुर (अयोध्या), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं। हम आपको बता दें कि इनमें से नौ सीट वर्ष 2022 में उन पर निर्वाचित हुए विधायकों के इस साल लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सीट पर सपा ने कब्जा किया था, जबकि फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के खाते में गई थी, जो उस समय सपा की सहयोगी थी।
बताया जा रहा है कि बैठक में 10 विधानसभा सीटों में से कुछ सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ने पर भी चर्चा हुई है। हालांकि इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। बताया जा रहा है कि एक सीट आरएलडी (मीरापुर) और एक सीट निषाद पार्टी (मझवा) को दी जा सकती है। यह भी बताया जा रहा है कि आगामी दिनों में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व आरएलडी और निषाद पार्टी से बात कर गठबंधन पर फैसला लेगा। उपचुनावों की तैयारी के लिए भाजपा ने अपने सभी बूथ अध्यक्षों को कई दिशानिर्देश जारी किये हैं। इसके अलावा सभी सीटों पर प्रवासी कार्यकर्ताओं को भी जिम्मेदारियां दी गयी हैं। पार्टी के विभिन्न विभागों के प्रभारियों के साथ बैठक कर भी उपचुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लिया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री, भाजपा अध्यक्ष तथा कई अन्य बड़े नेता आगामी दिनों में उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे।
देखा जाये तो उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव भाजपा के साथ-साथ विपक्षी दलों के लिए भी अहम हैं। भाजपा उत्तर प्रदेश में अपनी जीत की लय फिर से हासिल करने के लिए उत्सुक है हालांकि उम्मीदवारों की घोषणा के मामले में समाजवादी पार्टी ने बाजी मारते हुए दस में से छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और कहा है कि वह कांग्रेस के साथ मिलकर उपचुनाव लड़ेगी। हम आपको याद दिला दें कि भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में जीती 62 सीटों की तुलना में इस बार केवल 33 सीटें ही जीत सकी थी। जबकि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने 37 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर छह सीटों पर जीत हासिल की।