साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए कोलंबस स्कूल और साइबर क्राइम सेल के संयुक्त तत्वावधान में साइबर सिक्योरिटी एंड सेफ्टी कार्यशाला का आयोजन किया गया। मॉडल कॉलोनी स्थित कोलबंस पब्लिक स्कूल के सभागार में किया गया। कार्यशाला में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों व स्कूल स्टॉफ को साइबर अपराध के तौर तरीके और उसके रोकथाम की जानकारी दी गई। साइबर सेल व एसटीएफ की डिप्टी एसपी डॉ. पूर्णिमा गर्ग ने बताया कि लोग जरा सी असावधानी के कारण ठगी का शिकार हो जाते हैं। जागरूकता ही साइबर अपराधों की रोकथाम कर सकती है। बताया कि वर्तमान में साइबर अपराध आर्थिक आधार पर हो रहे हैं।
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इसमें से यूपीआई कोड और क्यूआर कोड का पता कर साइबर ठग अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। आधुनिकता की दौर में साइबर ठग भी समय के हिसाब से अपने को अपडेट कर रहे हैं। यही कारण है कि पहले क्यूआर कोड या फिर ओटीपी का प्रयोग कर ठगी होती थी, लेकिन अब सोशल मीडिया, बैंकों के गोपनीय दस्तावेज, ऑनलाइन प्रलोभन, ऐनी डेस्क, एप्लीकेशन डाउनलोड समेत कई ऐसे तरीके हैं। जो हैकर या फिर ठगी के मास्टरमाइंड प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सावधानी ही अपराधों की रोकथाम का कारगर हथियार बन सकता है। इसके लिए किसी भी ऑनलाइन शॉपिंग या फिर एटीएम, गूगल पे, फोन पे का इस्तेमाल करने के दौरान सावधानी रखें।