भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे दिल्ली के मुख्य सचिव, CM केजरीवाल ने बैठाई जांच
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सतर्कता (विजिलेंस) विभाग से जांच रिपोर्ट मांगी
दिल्ली के मुख्य सचिव पर बेटे की कंपनी को 315 करोड़ रुपए फायदा पहुंचाने का आरोप
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्य सचिव भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गए हैं. 353 करोड़ रुपए के जमीन घोटाले में उनका नाम सामने आया है. शिकायत के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सतर्कता (विजिलेंस) विभाग से जांच रिपोर्ट मांगी है. मुख्य सचिव नरेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे करण चौहान की कंपनी को फायदा पहुंचाया है.
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय को मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी. फिर शिकायत सतर्कता मंत्री आतिशी को भेजी गई. शिकायत के अनुसार, नरेश कुमार पर अपने बेटे को नौकरी देने वाली कंपनी को 315 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाने का आरोप है.
उनके बेटे पर आरोप है कि मुआवजा बढ़ाने के लिए उन्होंने डीएम को कहा था. पिछले तीन जिलाधिकारी ने जमीन का मुआवजा बढ़ाने से इनकार कर दिया था. नरेश कुमार के मुख्य सचिव बनने के 40 दिनों के बाद हेमंत कुमार साउथ वेस्ट जिले के डीएम बने और उन्होंने जमीन की मुआवजा राशि 41.50 करोड़ से बढ़कर 353 करोड़ रुपए करने के आदेश दिया.
“मेरा और मेरे परिवार का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. मैंने ही इस मामले की जांच की सिफारिश की थी. अगर ऐसा होता तो मैं क्यों करता. मैंने दिल्ली सरकार की कई अनियमितताओं को उजागर किया है. मेरे खिलाफ बदले की भावना से आरोप लगाए जा रहे हैं.” -नरेश कुमार, मुख्य सचिव, दिल्ली सरकार
मीडिया में खबर आने के बाद मुख्य सचिव नरेश कुमार ने अपना बयान जारी किया है. उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा, “डीएम हेमंत कुमार ने निजी कंपनी के पक्ष में 15 मई 2023 को एक अवार्ड पारित किया. जिसमें नियमों का उल्लंघन करते हुए पार्टियों ने मुआवजा 9 गुना बढ़ा दिया. मैंने सरकार से उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ 20 सितंबर 2023 को सीबीआई जांच की सिफारिश की.
भारत सरकार ने सिफारिश पर सहमति व्यक्त की. फिर 20 अक्टूबर को डीएम को निलंबित कर दिया. यदि मैं और मेरा परिवार घोटाले में शामिल है, तो मैं जांच की सिफारिश क्यों करूंगा? ऐसा लगता है कि यह स्पष्ट कारणों से निहित स्वार्थों द्वारा मेरे खिलाफ बदले की भावना है, क्योंकि मैंने दिल्ली सरकार में कई अनियमितता (जैसे उत्पाद शुल्क घोटाला, शीश महल मामला, पावर सेक्टर मामला, आदि) को उजागर किया है.”
कैसे हुआ खुलासा: एनएचएआई के द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण पर एक बड़ी रिपोर्ट आई है. इसमें सामने आया है कि द्वारका एक्सप्रेसवे सड़क परियोजना के लिए बामनोली गांव में 19 एकड़ जमीन के लिए दो लोगों को 18.54 करोड़ रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजे के रूप में 353 करोड़ रुपये दिए. जमीन की कीमत 2018 में 41 करोड़ के करीब थी, लेकिन इसी साल मई में दिल्ली के डीएम आईएएस हमेंत कुमार ने उसी जमीन के लिए 353 करोड़ का मुआवजा दिया. जिस कंपनी को मुआवजे लाभ मिला था उनसे दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे का कनेक्शन सामने आया है. वहीं, इस मामले पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज सहित आप नेताओं ने इस विवाद पर टिप्पणी की है.