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मित्रों 138 सालों के कांग्रेस के इतिहास में अब तक हुए 85 महाधिवेशन

Friends, in the history of 138 years of Congress, 85 conventions have been held so far.  देहरादून: ● भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रायपुर महाधिवेशन का भले ही औपचारिक रूप से समापन हो रहा, लेकिन इसके साथ ही एक नये कांग्रेस का आगाज होने जा रहा है। ● इस मौके पर मैं छत्तीसगढ़ PCC के अध्यक्ष मोहन मरकामजी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी और उनके सहयोगी मंत्रियों, सेवादल और हमारे सारे फ्रंटल संगठनों को तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने पिछले कई दिनों से लगातार मेहनत करके इतना अच्छा आयोजन किया। ● कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से अरूणाचल प्रदेश तक देश के कोने से यहां प्रतिनिधियों की की मौजूदगी रही। इस सम्मेलन में सोनियाजी का बहुत प्रेरक संबोधन, राहुलजी और प्रियंकाजी के साथ वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी ने जमीनी कार्य़कर्ताओं में एक नयी उमंग पैदा कर दी है। ● मित्रों 138 सालों के कांग्रेस के इतिहास में अब तक 85 महाधिवेशन हुए, और उन सबमें देश की दिशा को बदलने वाले फैसले हुए। ● जनता के सरोकारों से जुड़ी देश की जितनी महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, उनमें कई ऐसी हैं, जिनके मूल विचार हमारे अधिवेशनों में आए। यहां तक कि भारत के संविधान में शामिल मूल अधिकार का विचार भी हमारे 1931 के कराची resolution में आया था। ● रायपुर में हमने उसी परंपरा के तहत Political, Economic,, Agriculture, Social Justice & Empowerment, Youth, Education & Employment और Foreign Policy से संबंधित प्रस्तावों को आखिरी रूप दिया। ● ये काम कई चरणों में हुआ और बहुत से साथियों ने इसे अपने ज्ञान और अनुभव से संपन्न बनाया। ड्राफ्ट बनाने से लेकर उनको अंतिम रूप देने में काफी लंबा विचार- मंथन हुआ। कई लोगों की इसमें भागीदारी रही। ● महाधिवेशन में संविधान संशोधन करके CWC सदस्यों की संख्या 25 से बढा कर 35 करने का फैसला हुआ है। हमारी CWC में 50% जगह SC/ST / OBC / महिला और युवाओं को देने का ऐतिहासिक निर्णय हुआ है। ● यहां जितनी चर्चा हुई, वो सार्थक रही। मुझे लगता है कि इसमें जो सुझाव आए हैं, वो हमारे पार्टी संगठन और राज्य सरकारों के साथ अन्य क्षेत्रों के लिए उपयोगी साबित होंगे। 2024 के लोक सभा चुनावों में भी इन मुद्दों का महत्व होगा और 2023 में हो रहे आधे दर्जन राज्यों के विधान सभा चुनावों में भी इनकी बड़ी उपयोगिता होगी। ● शहीद वीर नारायण सिंह नगर, नया रायपुर में पिछले तीन दिनों में हम लोगों नें अनेक विषयों पर चर्चा की जिससे हमारी पार्टी को भविष्य़ की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी। जमीनी स्तर पर बुनियादी मुद्दों को पहुंचाने का मार्ग मजबूत करेगी। ● यहां हमने जिन अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी है, वो देश की अवाम के भविष्य से जुडे बेहद अहम मुद्दे हैं। इनको हम implement करके भारत के लिए एक नया इतिहास रचाएंगे। जहां हमारी राज्य सरकारें हैं, वो उस काम को करेंगी, और जिन राज्यों में हमारी सरकारें बनेगी, इस एजेंडे को हम आगे बढाएगे। ● संसद और जिन राज्यों में हम विपक्ष में है वहां संसदीय फोरम पर इन सवालों को हम उठाएंगे। 2024 में केंद्र में सत्ता में आने पर जो विषय केंद्र से संबंधित होगा, उस पर अमल किया जाएगा। ● रायपुर कांग्रेस महाधिवेशन के समापन भाषण में संगठन को लेकर मैं कुछ बाते कहना चाहूंगा। आजादी के पहले और आजादी के बाद का हमारा लंबा इतिहास कई चुनौतियों, उतार-चढ़ाव और सफलताओं का इतिहास है। ● 62 सालों तक देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। आजादी हासिल की और देश को संविधान दिया। लोकतंत्र की जड़ो को मजबूत किया। इसलिए इन मूल्यों की रक्षा का जिम्मा भी सबसे अधिक हमारे ऊपर है और देश की जनता भी हमसे यही उम्मीद रखती है। ● आज हमारे सामने तमाम चुनौतियां हैं लेकिन कोई ऐसी चुनौती नहीं है, जिसका समाधान कांग्रेस नहीं निकाल सकती। एकता, अनुशासन और दृढ संकल्प की जरूरत है। पार्टी की ताकत में ही हमारी ताकत है। हम जो आचरण राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे उसका संदेश हमारे करोड़ों साथियों तक हर स्तर पर जिले और गाँव तक जाएगा I ● समय के साथ बहुत सी चीजें बदलती है। जनता की आकांक्षाएं और अपेक्षाएं बदलती हैं। नयी चुनौतियां सामने आती हैं, रास्ता भी निकलता है। इसीलिए कहा जाता है कि राजनीति और सामाजिक कामों का रास्ता कभी खत्म नहीं होता। हमे केवल चलते रहना है। हमारी कई पीढियां इसी रास्ते पर चलती रही हैं और आगे चलती रहेंगी। ● इसलिए नौजवान साथियों से खास तौर पर मैं अपील करना चाहता हूं कि भविष्य आपका है, कांग्रेस मजबूत होगी तो इस देश का भविष्य सुखद होगा। राहुलजी ने जिन पथरीले रास्तों पर चल कर एक माहौल बनाया है, उसे आगे ले जाने का सबसे बड़ा जिम्मा हम सब का हैं। ● देश में जिस चिंताजनक स्तर पर गैर बराबरी बढ़ रही है, उसका बहुत खतरनाक संकेत मिल रहा है। अमीर और अमीर हो रहे हैं, जबकि गरीब और गरीब। गांव और शहर के बीच खाई गहरी हो रही है, तनाव बढ़ रहा है। इसे हमें अपने एजेंडे में लेना है, गरीबों के साथ खडे रहना है, किसानों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, नौजवानों और महिलाओं के मुद्दों पर लगातार सक्रिय रहना है। ● बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ अपनी मुहिम को लगातार अपने एजेंडे में रखना है और नफरत फैलाने वाली विचारधारा के खिलाफ मजबूती से मुकाबला करना है। ● और सबसे बड़े चुनौती बाबा साहेब अंबेडकर रचित संविधान और लोकतंत्र को बचाने की है। ● साथियों, काँग्रेस का मतलबहै, देशभक्ति, त्याग- बलिदान ● काँग्रेस का मतलब हैं, सेवा और समर्पण ● कांग्रेस का मतलब है-निष्ठा और प्रेरणा ● काँग्रेस का मतलब हैं, समृद्धि और खुशहाली ● और कांग्रेस का मतलब है- करूणा और न्याय ● कांग्रेस का मतलब है निर्भयता और अनुशासन ● कांग्रेस का मतलब है- भारतीयता ● हरेक कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं इसी भावना का प्रतीक है। ● हमें ये याद रखना चाहिए कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने न केवल देश को आजाद कराया, बल्कि एक समृद्ध भारत की बुनियाद भी रखी। ऐसा भारत निर्मित किया है, जो दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे मजबूत लोकतंत्र है। ● रायपुर Resolutions के मुख्य बातें जिनका मैं ज़िक्र करना चाहता हूँ वो निम्नलिखित हैं- 1. राजनैतिक (political), ● इस महाधिवेशन ने साफ़ कर दिया है कि BJP/RSS के ख़िलाफ़ हमारी विचारधारा की लड़ाई तीव्र होगी। चुनावी मुक़ाबले तो होते रहेंगे पर कितना भी समय लगे और कितना भी संघर्ष हो, हम एकजुट हो कर लड़ने को तैयार हैं। भारत जोड़ो यात्रा से भी हमें यही मार्गदर्शन मिला। 2. आर्थिक (Economic), ● बढ़ती हुई आर्थिक विषमताएँ, सार्वजनिक संपत्तियों का अंधा निजीकरण, बढ़ती बेरोज़गारी और महंगाई हमारी सबसे बड़ी आर्थिक चुनौतियाँ है। हमें mixed economy model पर चलना होगा । public sector की भूमिका को नई शक्ति देनी होगी। ख़ास करके हमें ‘ मित्रवादी पूंजीवाद’ से देश को बचाना होगा। 3. किसान और खेत मज़दूर, (Farmers & Khet Mazdoor), ● किसान और खेत मज़दूर हमारी आर्थिक नीति की प्राथमिकता होने चाहिए। Green Revolution और White Revolution कांग्रेस सरकारों ने संभव कराया। इससे देश बदला। कृषि का निजीकरण हमारे देश के लिए हानिकारक होगा। कृषि में ‘और अधिक आर्थिक निवेश’ के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। 4. सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण (Social Justice & empowerment) ● जाति जनगणना कराना अनिवार्य बन गया है।UPA सरकार ने 2011-13 के बीच जाति जनगणना करवाया था। हमारी सरकार बदल जाने की वजह से Survey प्रकाशित नहीं हो पाए। नई जनगणना ज़रूरी है। जो क़ानूनी और संवैधानिक प्रावधान ‘सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण’ के लिए हैं, उसे Letter aur Spirit में लागू करना होगा। 5. युवाओं का उत्थान (Youth, Education & Employment) । ● हम NEP, ( New Education Policy) असल में Nagpur Education Policy के बिलकुल ख़िलाफ़ हैं। ये हमारे देश और समाज को और पीछे ले जाएगा। प्रगतिशील और वैज्ञानिक मूल्यों को ख़त्म कर देगा। इतिहास को जिस तरह से तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है ना वि सिर्फ़ वर्तमान के लिए बल्कि आनेवाली पीढ़ियों के लिए ख़तरनाक होगा। 6. विदेश नीति (foreign policy), चीन को cleanchit देकर हमने अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मार ली है। जिन पड़ोसी मुल्कों से हमारे संबंध अच्छे थे आज उन संबंधों पर एक विफल विदेश नीति का साया मंडरा रहा है। ● मैं अंत में आप सब साथियों से ये कहना चाहता हूं कि आप सभी न सिर्फ रायपुर डिक्लेरेशन को देश के जन-जन तक पहुंचाएं। बल्कि ये भी याद रखें कि हमारी कांग्रेस पार्टी का हर साथी लोकतंत्र और संविधान के लिए और हमारे देश के भविष्य के लिए आखिरी सांस तक एकजुट होकर लड़ेगा और जीतेगा। ● अंत में मैं आपको बोलना चाहता हूं कि एक मजबूत कांग्रेस से ही एक बुलंद भारत बन सकता है। मेरे साथ बोलिए-

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