देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा सरकार से सशक्त भू कानून व मूलनिवास लागू करने की मांग की। प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कहा कि जमीनों की खरीद-फरोख्त हो या सरकारी जमीनों व नदियों के मुहानों के साथ ही अब जंगलों में भी भूमि पर कब्जे के समाचार पढ़ने को मिल रहें हैं जो बहुत चिंतनीय हैं।
कुकरेती ने कहा कि कल 8 वीं मंजिल से बिल्डर के गिरने की घटना ने पुनः हिलाकर रख दिया हैं। यदि यहां प्रदेश के अपने नियम कायदे कानून बने होते तो ऐसी अप्रिय घटनायें नहीं होंगी। सलाहकार केशव उनियाल व प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने अपने बयान में कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भूमि में फर्जीवाड़ा या अन्य संपत्तियों के कब्जे जेसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे मामलों के बढ़ने से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ रहा हैं औऱ पुलिस की सरदर्दी बढ़ने पर लगीं हैं।
अतः अब भी प्रदेश सरकार या शासन 24 वर्ष बिताने के बाद भी नहीं चेता तों भविष्य की स्तिथि भयावह होने वाली हैं। प्रदीप कुकरेती ने कहा कि आखिर पिछले 10 वर्षों में लाखों की जनसंख्या केसे बढ़ती चली गईं इसकी समीक्षा करनी चाहियॆ। इस बे हिसाब बढ़ती जनसंख्या से हमारे प्रदेश के लोगो को मिलने वाली सुविधाएं व रोजगार के साथ ही अन्य सुविधाओं से हाथ धोना पड़ रहा हैं।
माननीय मुख्यमन्त्री बहुत देर से ही सही लेकिन अब मानने लगे हैं कि बढ़ती आबादी में जांच होनी चाहियॆ। यदि इस पर अंकुश नहीं लगा पूरा सामाजिक ताना बाना बिगड़ सकता हैं।
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा आज स्वतंत्रता संग्राम सैनानी व क्रांतिकारी शहीद श्रीदेव सुमन की जयन्ती पर स्मरण किया। ब्रिटिश हुकूमत व राजशाही के खिलाफ संघर्ष करने वाले सुमन जी ने कई बार जेल जाकर व भूख हड़ताल कर अपने आप को मातृ भूमि के लिये खप गये। हमारे जनप्रतिनिधियों को अपने शहीदों के संघर्ष को याद करना चाहियॆ औऱ अपने प्रदेश को शहीदों के सपनों के अनुरूप कार्य करने की निष्ठा रखनी होगी।