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हल्द्वानी और रामनगर की ट्रैफिक लाइट बनी शोपीस

जाम की समस्या हो रही उत्पन्न

रामनगर व हल्द्वानी शहर में लगभग 90 लाख ट्रैफक लाइटें लगाई गई है, लेकिन परेशानी की बात यह है, कि सारी लाइटें सिर्फ शोपीस बन के रह गई है। पुलिस द्वारा दावा किया जा रहा है कि हल्द्वानी व रामनगर में 90 लाख लाइटों में से केवल 16 ट्रैफिक लाइटें ही जल रही है बाकी सारी बंद पड़ी है, वहीं पड़ताल करने से पता चला कि हल्द्वानी में सिर्फ एक ट्रैफिक लाइट जल रही है। ट्रैफिक लाइट लगवाने की सारी जिम्मेदारी ऑनेस्ट कंपनी को दी गई थी। कंपनी द्वारा सभी जगहों पर लाइटे तो लगवा दी गई, लेकिन उनकी दूरी कम होने के कारण अब जगह- जगह पर जाम जैसी समस्याएं उत्पन्न हो चुकी है। कहा जा रहा है कि ट्रैफिक लाइटों के लिए 90 लाख रु. की धनराशि जारी की गई थी, और पुलिस अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि दोनों शहरों में केवल 16 लाइटें ही चलन में है। चौकाने वाली बात यह है कि हल्द्वानी में काम कर रही एक ट्रैफिक लाइट जो सिग्नल दे रही है वह पुरानी लाइटों में से है, नयी लगी एक भी लाइट काम नही कर रही है। नयी लगायी गयी ट्रैफिक लाइटें पूरे दिन लाल, हरी, नीली, पीली लाइटों से जगमगाते रहते है। जिससे रामनगर और हल्द्वानी पहुंचे पर्यटक इन लाइटों को देख चकित रहते है कि कब, कहां, कैसे सिग्नल मिल रहा है। यह भी पढ़ें- बद्रीनाथ धाम मे होंगे विकास कार्य सिग्नल का सही पता न मिलने के कारण जाम जैसी समस्याएं दोनों शहरों में उत्पन्न हो रही है। जाम लगने से हजारों वाहन फंस रहे है, जिससे सड़कों पर आम जनों को आवागमन में परेशानियां हो रही है। यातायात एसपी हरीश वर्मा ने कहा कि दोनों शहरों में लगी लाइटें काम कर रही है, बस दूरी कम होने से जाम लग रहा है। इस समस्या को जल्द दूर कर लिया जाएगा। सिमरन बिंजोला    

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