हिमाचल प्रदेश में साढ़े 28 लाख लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए बूस्टर डोज नहीं लगाई है। सरकार ने 52 लाख लोगों को बूस्टर डोज लगाने का लक्ष्य रखा था। इनमें महज साढ़े 23 लाख लोगों ने ही वैक्सीन लगाई है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज ली है, लेकिन तीसरी डोज लगाने के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंचे हैं। नेशनल हेल्थ मिशन के पास एक लाख डोज हैं। अगर लोग वैक्सीन लगाने के लिए आगे आते हैं तो केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन मांगी जाएगी।और इस बीमारी के प्रति लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है। अन्य राज्यों की अपेक्षा पहले और दूसरे डोज में हिमाचल पहले नंबर पर रहा है।
हिमाचल के स्वास्थ्य संस्थानों में मास्क पहनना अनिवार्य हो सकता है। प्रदेश सरकार का मानना है कि अस्पतालों में लोगों की भीड़ उमड़ी रहती है। ऐसे में उचित दूरी के साथ साथ कोरोना से बचाव के नियमों को लागू किया जा सकता है।
हिमाचल में कोरोना को लेकर अलर्ट के बाद प्रदेश सरकार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को तैयारियां रखने के निर्देश दिए हैं। प्रधान सचिव सुभाशीष पंडा ने नेशनल हेल्थ मिशन के निर्देशक हेमराज बैरवा के साथ कोरोना को लेकर चर्चा की है। उन्होंने कोरोना वैक्सीन, कोरोना की वर्तमान स्थिति और दवाइयों का स्टॉक, मास्क, सेनेटाइजर आदि की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा है। केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के बाद स्वास्थ्य महकमे को अलर्ट कर दिया गया है। मेडिकल कालेजों, अस्पतालों में वैक्सीन की सप्लाई भेजने को कहा गया है।
साथ ही बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि हिमाचल में अभी कोरोना वैरियंट बीएफ- 7 का मामला नहीं आया है। लेकिन एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग को सतर्क किया गया है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में अभी कोरोना के 19 सक्रिय मरीज हैं। राज्य में अब तक 3,12,588 मामले आ चुके हैं। इनमें 3,08,358 लोग ठीक हो चुके हैं। कोरोना से 4213 मौतें हो चुकी हैं।