गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को कम करने के लिए अपनी क्षमताओं को अधिक मजबूत करने पर ध्यान देने के निर्देश दिए। साथ ही उनसे आग्रह किया की महिलाओं से जुड़े मामलों में शीघ्र ही एक्शन लिया जाए। उन्होनें स्त्रीयों की सुरक्षा को लेकर पूर्व में लिए गए निर्णयों पर कार्य स्थिति को दर्शाने वाला नोट भी मांगा है। मंत्रालय देश में स्त्रियों के साथ हुए जुर्मों पर लगातार नजर रखने को लेकर दिशा निर्देश जारी कर सकती है।
मंत्रालय ने हाल ही में एक परिपत्र के माध्यम से समस्त राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, गृह सचिवों, पुलिस महानिदेशकों को संपूर्ण देश की महिलाओं को अच्छी सुरक्षा उपयुक्त कराने की जरुरत पर ज़ोर देते अपना मक्सद बताया है। पिछले हफ्ते मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्त्रियों के साथ हुए अपराधों से जुड़े मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की ओर ध्यान केंद्रित करने वाली 10 मई, 2013 से 30 जून, 2021 के बीच जारी अपनी आठ सलाहों का उल्लेख करने वाला सर्कुलर जारी किया है।
महिला रक्षा कानून में कमियां
उन्होनें संसदीय स्थायी समिति की 233वीं रिपोर्ट साझा करते हुए विमेंन्स के खिलाफ बढ़ते क्राईम रेट को कम करने के लिए तंत्र को मजबूत करने वाली अपनी सिफारिशों को भी याद दिलवाया। इस माह के प्रारंभ में घरेलु हिंसा से स्त्रियों की रक्षा के कानून में कमियों को दूर करने का निर्देश देने कि मांग वाली याचिका पर सुप्रीम ने केंद्र से उत्तर मांगा था।
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एनजीओं ने की थी याचिका दर्ज
जानकारी के अनुसार उक्त याचिका एनजीओ वी द वीमेन आफ इंडिया द्वारा दर्ज की गई थी। इस एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका की और संपूर्ण देश में विवाह के पश्चात गलत व्यवहार को सहन करने वाली स्त्रियों को कानूनी सहायता व आश्रय गृह प्रदान कराने वाली महिलाओं का संरक्षण अधिनियम के तहत बेस स्ट्रकचर मौजूद कमियों को हटाने के लिए अपनाया था।
अंजली सजवाण