लोगों के स्वास्थ्य और सुविधाओं को लेकर भले ही कितने ही दावे कर लिए जाएं, लेकिन जमीनी हकीकत जस की तस है। लोगों के स्वास्थ को लेकर अभी भी कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। बेस अस्पताल में संसाधन बढ़ा दिए जा रहे हैं। इस समय नौ बेड का आइसीयू भी तैयार हो चुका है, लेकिन इसके संचालन के लिए न डॉक्टर हैं और न ही अन्य स्टाफ।
जबकि पहले से ही अस्पताल में डाक्टरों की कमी है। केंद्र सरकार की विशेष योजना के तहत एचएलएल कंपनी ने बेस अस्पताल में नौ बेड का आइसीयू तैयार करवा लिया है। इसकी लागत एक करोड़ रुपये से भी अधिक है। कोविड के समय अस्पताल में पहले से ही चार बेड का आइसीयू तैयार है। हाईटेक मशीनें लगा दी गई हैं।
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जहां इस समय आइसीयू के नौ बेड तैयार किए गए हैं, वहां पिछले वर्ष छह बेड का हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) बनाया गया था। फिर एचडीयू की मशीनें उखाड़कर पहले स्टोर में रख दी गई थी। अब महज कामचलाऊ व्यवस्था के लिए इमरजेंसी वार्ड में लगाया गया है।