IIT रुड़की ने तुर्की विश्वविद्यालय से तोड़ा रिश्ता
IIT रुड़की ने भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए तुर्किये की इनोनू यूनिवर्सिटी के साथ किया गया समझौता रद्द कर दिया है। ये समझौता शैक्षणिक और अनुसंधान क्षेत्र में संभावित सहयोग के लिए किया गया था, लेकिन अब इसे औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया है।रुड़की आईआईटी और तुर्किये की इनोनू यूनिवर्सिटी के बीच हुए इस समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत छात्र और फैकल्टी के आदान-प्रदान सहित कई शैक्षणिक और शोध गतिविधियाँ प्रस्तावित थीं। लेकिन अब संस्थान ने साफ कर दिया है कि वह राष्ट्रीय नीति और सुरक्षा हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। संस्थान के निदेशक कमल किशोर पंत ने बयान जारी कर कहा कि “हमारी वैश्विक साझेदारियाँ देश के मूल्यों, प्राथमिकताओं और सुरक्षा चिंताओं को प्रतिबिंबित करनी चाहिए। IIT रुड़की ऐसे सहयोगों पर ही ध्यान देगा जो भारत की प्रगति और वैश्विक छवि को मजबूती दें।” बता दें कि यह फैसला ऐसे वक्त पर आया है जब तुर्किये ने हाल ही में पाकिस्तान का समर्थन किया और भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई की आलोचना की थी।इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान तुर्की के ड्रोन्स का भी व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल किया था।आईआईटी रुड़की का यह निर्णय देश की विदेश नीति और सुरक्षा रणनीति के अनुरूप एक अहम कदम माना जा रहा है।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)
