पंजाब में कांग्रेस ने कुल 79 विधायकों में से 61 को पार्टी का देकर स्पष्ट रुप से अपने गुट को एक साथ रखने और अन्य दलों द्वारा अवैध शिकार को रोकने की कोशिश की है कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में मंत्री रहे बलबीर सिंह सिध्दू, धर्मसोत, सुंदर शाम अरोड़ा और गुरप्रीत सिंह कांग्रेस को कांग्रेस ने बेटिकल कर दिया है।
कुछ सीटों पर विधायकों के खिलाफ जाने वाले कोरकों को एआईसीसी द्वारा नियुक्त स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया है पार्टी के अंदर के विवाद और वोटों के नुकसान को रोकने के लिए जीतने की क्षमता को मानदंड से हटा दिया गया है।
पंजाब विधानसभा की कुल 34 आरक्षित सीटों में से 23 पर कांग्रेस का कब्जा है पहली सूची में इन सीटों से तीन विधायक अजायब सिंह भट्टी मलौत से, नाथू राम बल्लुआना से, और बलविंदर लड्डी श्री हरगोबिंदपुर से हटा दिया गया है।
यह भी पढ़ें- कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य छोड़ सकती है पार्टी
कुछ सीटों को लेकर सीएम चरणजात सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिध्दू के बीच मतभेद को देखते हुए पार्टी आलाकमान ने अच्छा संतुलन साधने का काम किया है अमरप्रीत लल्ली और ब्रंदर ढ़िल्लों को कथित तौर पर शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप पर टिकट आवंटित किया गया है पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी और राहुल गांधी के सहयोगी कृष्णा अल्लारु ने अपना रास्ता स्पष्ट किया है।
आरती राणा