उत्तराखंडराजनीतिशिक्षासामाजिक

स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हो आपदा प्रबंधन सतर्कता और जागरूकता को बढ़ाये-मुख्यमंत्री योगी

आपदा प्रबंधन प्रधिकरणों के  दो दिनी तृतीय क्षेत्रीय सम्मेलन में आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने मिर्जापुर और सोनभद्र जैसे जिलों में आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि की जानकारी देते हुए इसे रोकने के लिए अलर्ट सिस्टम को और बेहतर करने की आवश्यकता भी जताई। मुख्यमंत्री ने आपदाओं की रोकथाम में आपदा मित्रों की भूमिका की सराहना करते हुए इस कार्य में ग्राम पंचायतों को जोड़ने और आपदा मित्रों की संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न आपदाओं से बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता को बढ़ाये जाने की जरूरत बताई है। आपदा प्रबंधन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा है कि अगर लोगों को यह पता होगा कि बाढ़, भूकम्प, आकाशीय बिजली, अग्निकांड आदि के समय उन्हें कैसी सावधानियां बरतनी चाहिए तो निश्चित ही बड़ी जनहानि से बचा जा सकता है।

दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र भारतीय मनीषा में बताए गए तीन प्रकार की आपदाओं का संदर्भ लेते हुए सीएम ने तीनों के संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की चर्चा भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब सरकार बनी तो उनके पास बाढ़ बचाव के संबंध में एल्गिन ब्रिज से जुड़ी ₹100 करोड़ खर्च की फाइल आई। इतनी बड़ी राशि हर साल एक जगह खर्च होती थी। ऐसे में उन्होंने खुद इस स्थल का निरीक्षण किया और नदी की ड्रेजिंग कर चैनेलाइज कराने का निर्णय लिया। नतीजा, बहराइच, गोंडा और बाराबंकी बाढ़ से बचे ही, ₹100 करोड़ के खर्च की जगह मात्र ₹5 करोड़ खर्च हुए।

मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं की ओर भी सभी का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना, जिसने पूरी दुनिया को बांध कर रख दिया था, उससे उत्तर प्रदेश जैसी बड़ी आबादी वाले राज्य में अब तक 30 हजार लोगों की मृत्यु हुई है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button