मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोलाघाट स्थित अम्मा जी मंदिर में जगद्गुरु रामानुजाचार्य की 5 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इस प्रतिमा को स्टेचू ऑफ यूनिटी का नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के इस धराधाम पर 120 वर्षों बाद रामानचार्य जी की प्रतिमा का अनावरण हुआ। आप सबको बधाई व आभार।
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि भारत दुनिया के अंदर ज्ञान की भूमि है। यहां वेदों की परंपरा का साक्षात दर्शन होता है। वेदों की परंपरा और मंत्र ऋषियों ने उद्घाटित किये। यही भारत की परम्परा है।हमारे संतों ने हमें वो रास्ता दिखाया।
सीएम ने कहा कि भारतीय मनीषा में ऋषियों ने हमेशा यही कहा, महाजनों येन गतः सपंथा। यही भारत की विराटता है इसीलिए कहा गया एकम सत्य विप्रा बहुदा वदन्ति…. । वर्षों पहले स्वामी रामानुजाचार्य जी ने आक्रांताओं से बचने के लिए एक द्वैत मार्ग दिखाया। उससे पहले शंकराचार्य जी ने अद्वैत मार्ग हमको दिखाया।
उन्होंने कहा कि आज भारत अपने संतो की उन शिक्षाओं पर गर्व करता है। कल हम सबने उज्जैन में महाकाल के भव्य रूप का दर्शन किया। इससे पहले हमने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण देखा।
स्वामी रामानुजाचार्य जी इस धराधाम पर अवतरित हुए थे। राम मंदिर के पहले उनकी प्रतिमा का अनावरण इस मठ द्वारा अनेक गरीब कल्याणकारी कार्य किये जा रहे हैं। ये सारे कार्य धर्म के ही कार्य हैं। हमारे मठ मंदिर प्राचीन काल से ही अन्न भोज का कार्य कर रहे हैं। इसीलिए कहा जाता है कि जात पात पूछे नहीं कोई, हरि का भजे तो हरि का होइ …।
इसी मार्ग पर हमको चलकर सनातन धर्म के मूल्यों को मजबूत करना है। लोककल्याण के लिए सनातन धर्म ही नहीं सभी भक्त जब उस परंपरा से जुड़ेंगे तो हम एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने में सफल होंगे।